Sawan Shivratri 2022 Trayodashi Chaturdashi Sandhi: सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2022 Vrat) का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान शिवजी (Lord Shiv) का रुद्राभिषेक करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. शिवरात्रि के दिन (Shivratri 2022) भगवान शंकर जी की विधि विधान से पूजा-पाठ करने और जलाभिषेक (Jalabhishek) करने से मन की हर मुरादें पूरी होती हैं.

पंचांग के अनुसार, आज 26 जुलाई सावन शिवरात्रि को भगवान शिव का जलाभिषेक करने का उत्तम मुहूर्त प्रातः काल 5:44 बजे से 8:28 तक था. हालांकि इस श्रेष्ठ समय के बाद भी शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जा सकता है. ऐसे में जो अभी तक जो भक्त भगवान शिव का जलाभिषेक न कर पायें हो तो वे इस बेहद शुभ मुहूर्त में जलाभिषेक कर सकते हैं. यह शुभ समय भी जलाभिषेक के लिए अति श्रेष्ठ है. यह सर्वश्रेष्ठ समय त्रयोदशी और चतुर्दशी का संधि काल है.

त्रयोदशी और चतुर्दशी का संधि काल (Trayodashi Chaturdashi Sandhi Time)

हिंदू धर्म ग्रंथों में शिवरात्रि पर त्रयोदशी खत्म होने और चतुर्दशी आरंभ होने के समय को जलाभिषेक के लिए बेहद खास माना गया है. त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि की संधि यानि शास्त्रों के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की समाप्ति का समय और चतुर्दशी तिथि के प्रारंभ होने के समय को संधि काल कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार, इस खास पुण्यकाल में भगवान शंकर को जल अर्पित करना अर्थात जलाभिषेक करना अति शुभ फलदायी और महापुण्य दायक होता है.

संधि काल का समय

आज सावन शिवरात्रि के दिन त्रयोदशी और चतुर्दशी का संधि काल शाम 6 बजकर 47 निर्धारित है. इस समय पर दोनों तिथियों का मेल होने वाला है. इसे शिवरात्रि का विशेष पुण्यकाल माना जाता है. इस दिन चार पहर की पूजा का खास महत्व होता है. इन चारों पहरों में भगवान शिव की आराधना करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. भगवान शिव इन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं.

Happy Sawan Shivratri 2022: सावन शिवरात्रि पर शिवभक्ति से भरे ये शुभकामनाएं संदेश रिश्तेदारों को भेजें

Sawan 2022: भगवान शिव को आखिर क्यों इतना प्रिय है बेलपत्र? जानें इसके पीछे की ये पौराणिक कथा

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.