Dhanu Rashifal June 2025: धनु राशि वालों के लिए जून 2025 का महीना अनुकूल रहेगा. व्यापारियों को मेहनत का लाभ मिलेगा और अच्छा मुनाफा कमाएंगे. ग्रह-योग की शुभता से भी सकारात्मक परिणाम मिलेंगे. आइए ज्योतिष (Famous Astrologer) से जानते हैं धनु राशि वालों के नौकरी, बिजेनस, शिक्षा, यात्रा, सेहत, प्रेम और परिवार के मामले में कैसा रहेगा जून (June 2025).
धनु राशि जून 2025 मासिक राशिफल (Sagittarius June 2025 Horoscope)
व्यापार और धन (Business and Wealth Horoscope):-
- गुरु-शुक्र का 3-11 का सम्बध रहने से आप कुछ नए लोगों को अपने साथ मिलाने की कोशिश करेंगे, इससे भी आपके व्यापार के लिए अनुकूल समय आएगा. सप्तम भाव में विराजित गुरु की पाचवीं दृष्टि एकादश भाव पर होने से यदि आपकी आर्थिक स्थिति को देखा जाए तो आपके लिए अनुकूल रहेगा.
- 06 जून तक मंगल अष्टम भाव में रहते सप्तम भाव से पापकर्त्तरी दोष रहेगा जिससे फैमिली प्रॉबलम के चलते बिल्डिंग कन्सट्रक्षन, लिकर, कोल, प्रॉपर्टी और माइनिंग मैन्यूफेक्चरिंग बिजनेसमैन बिजनेस पर प्रॉपर फोकस नहीं कर पाएंगे.
- 4,5,6 जून चन्द्रमा दशम भाव में रहेगे व चन्द्रमा से दशवें यानि सप्तम भाव में गुरु रहने से अमला योग रहेगा जिससे बिजनस में उन्नति के योग बनेंगे इस दौरान आप बिजनेस विस्तार के बारे में प्लानिंग बना सकते है 06 से 21 जून तक बुध सप्तम भाव में स्वगृही होकर भद्र योग बनाएगे जिससे बिजनेसमैन को अच्छी सफलता के योग बनेंगे. बिजनेस में भी धन वृद्धि होगी.
नौकरी-पेशा (Job and Career Horoscope):-
- 4,5,6 जून तक चन्द्रमा दशम भाव में व 7 व8 जून को एकादश भाव में रहने से वसुमती योग रहेगा जिससे मंथ र्स्टाटिंग में आपको किसी तरह की कोई समस्या महसूस नहीं होगी. शनि चतुर्थ भाव में रहते तीसरी व सातवीं दृष्टि षष्ठ भाव व दशम भाव पर होने से वर्कप्लेस पर आपके अधूरे कार्य पूरे होंगे.
- 07 जून से नवम भाव में मंगल-केतु का अंगारक दोष रहेगा जिससे कुछ ऐसे खर्च होंगे जो अति आवश्यक होंगे इसलिए आप उनसे मुंह नहीं मोड़ पाएंगे और इसलिए खर्चों की अधिकता के कारण आर्थिक स्थिति थोड़ी सी डगमगा सकती है, फिर भी आपकी आमदनी में कमी नहीं होगी.
- 14 जून तक सूर्य षष्ठ भाव में रहते दशम भाव से नवम-पंचम राजयोग रहेगा जिससे आप अपनी बुद्धि का लोहा मनवाने में कामयाब रहेंगे और नौकरी में आपकी स्थिति पक्की और अनुकूल रहेगी. 22 जून से बुध अष्टम भाव में रहते दशम भाव से 3-11 का सम्बध रहेगा जिससे करियर दृष्टि से आपको अच्छी सफलता प्रदान करने रहेगा.
पारिवारिक और प्रेम जीवन (Family and Love Life Horoscope):-
- 06 जून तक मंगल अष्टम भाव में रहते सप्तम भाव से पापकर्त्तरी दोष रहेगा जिससे पारिवारिक कलह क्लेश का प्रभाव भी आपके काम पर पड़ने की प्रबल संभावना बन रही है इसलिए आपको सावधानी रखनी होगी. तृतीय भाव में विराजित राहु की पाचवीं दृष्टि सप्तम भाव पर होने से पारिवारिक तौर पर कुछ परेशान रहने की संभावना है.
- 25 व26 जून को चन्द्रमा आपकी राशि के देव गुरु के साथ सप्तम भाव में रहने से पुष्कल योग रहेगा जिससे आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो जून मंथ आपके लिए पूरी तरह से रोमांस से भरा रहेगा. 06 से 21 जून तक बुध सप्तम भाव में स्वगृही होकर भद्र योग बनाएगे जिससे विवाहित जातकों के लिए भी जून मंथ अनुकूल परिस्थितियां बनाएगा.
स्टूडेंट्स और शिक्षार्थी (Students and Learners Horoscope):-
- 07 जून से मंगल नवम भाव में रहते पंचम भाव से नवम-पंचम राजयोग जिससे स्टूडेंट्स, आर्टिस्ट और लर्नर्स के लिए कई मायने में अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है. बस आपको चाहिए कि अपनी प्रतिभा को पहचानें और अपनी चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए अपने काम को गति दें. गुरु-शुक्र का3-11 का सम्बध रहने से र्स्पोट्स पर्सन के बस में बहुत कुछ है, बस आपको उसे पहचानना होगा.
- 14 जून तक सूर्य षष्ठ भाव में रहते पंचम भाव से पापकर्त्तरी दोष रहेगा जिससे विदेश जाने में सफलता मिल सकती है. लेकिन इस मार्ग में काफी अड़चनें भी आपके सामने आ सकती हैं. 15 जून से सप्तम भाव में सूर्य-गुरु की युति रहेगी जिससे स्टूडेंट्स को भाग्य का सहारा भी धीरे-धीरे ही सही आपको मिलने लगेगा। आपको अपने कर्म को बढ़ाना होगा.
स्वास्थ्य और यात्रा (Health & Travel Horoscope):-
07 जून से नवम भाव में मंगल-केतु का अंगारक दोष रहेगा जिससे स्वास्थ्य को लेकर कुछ ध्यान देने की आवश्यकता पड़ेगी. चतुर्थ भाव में विराजित शनि की तीसरी दृष्टि षष्ठ भाव पर होने से स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कुछ उतार-चढ़ाव दिखा रहा है. 15 जून से ऑफिशियली ट्रेवलिंग हो सकती है.
धनु राशि के लिए उपाय (Sagittarius Rashi 2025 Upay)
06 जून निर्जली एकादशी पर- पीले वस्त्र धारण करें, भगवान विष्णु को केले का भोग लगाते हुए ऊँ नमो नारायणायः मंत्र का जाप करें. शहद, घी, हल्दी, पीले वस्त्र का दान करें.
26 जून गुप्त नवरात्रा प्रारम्भ- शैलपुत्री की पूजा-उपासना करते हुए ऊँ ऐं हृं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः मंत्र की एक माला का जाप करते हुए. लक्ष्मी सहस्त्रनाम का पाठ करें। भगवती की वरद मुद्रा अभय दान प्रदान करती है.
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