Russia-Ukrainian War: फरवरी 2022 के बाद से लेकर अब तक रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का सिलसिला जारी है. क्या 2025 में रूस-यूक्रेन का युद्ध समाप्त हो जाएगा या फिर इसके विश्व युद्ध में तब्दील होने की संभावना है. अगर ऐसा होता है तो, जगत कुंडली की ग्रह स्थिति में बने ग्रहों के योग युद्ध को कितना प्रभावित करेंगे, आइए जानते हैं ज्योतिष के माध्यम से.  

2025 की विश्व कुंडली 13 अप्रैल 2025 को 3:21 AM पर बनेगी

  • यह कुम्भ लग्न और तुला राशि की कुंडली होगी जिसमें राहु, बुध, शुक्र, शनि द्वितीय भाव में, तृतीय भाव में उच्च राशि के सूर्यदेव, बृहस्पति चतुर्थ भाव में, मंगल षष्टम भाव में, केतु अष्टम भाव में, चन्द्रमा नवम भाव में होंगे.
  • विश्व कुंडली में वर्ष का लग्नेश शनि द्वितीय भाव में राहु से पीड़ित है तथा बुध और शुक्र भी इस भाव में राहु द्वारा पीड़ित किए गए हैं. यह अपने आप में एक खराब योग कहा जाएगा जो दर्शाता है कि यह वर्ष शांतिपूर्ण नहीं रहेगा.
  • इस्लामी देशों में उग्रवाद बढ़ाने की प्रबल संभावनाएं हैं जोकि विश्व के अन्य देशों में जहरीला वातावरण फैला सकते हैं. इस्लामिक कट्टरवाद के कारण मजहबी जुनून जैसी परिस्थितियों में बढ़ोतरी होगी तथा कई अन्य देशों में इस्लामिक शत्रुता बढ़ेगी.
  • रूस तथा यूक्रेन में जो युद्ध अभी तक चलता आ रहा है वह थमने का नाम नहीं लेगा, क्योंकि इस कुंडली के छठे भाव में मंगल नीच राशि में है जो अपने निजी स्वार्थ के लिए युद्ध जैसी परिस्थितियों का निर्माण कर सकता है. लग्नेश का पीड़ित होना अपने आप में विश्व के अंदर अस्थिर वातावरण पैदा होने के दृष्टांत देता है.
  • अष्टम भाव में स्थित केतु पर शनि की दृष्टि पड़ रही है जो किसी प्राकृतिक आपदा के आने से अकाल जनित परिस्थिति दर्शा रहा है और यह युद्ध के क्षेत्र में बड़े स्तर का आक्रमण होने के संकेत दे रहा है. जब अस्त्र-शस्त्र का कारक ग्रह मंगल नीच राशि में हो तो उसे समय अस्त्र-शस्त्रों का नाजायज प्रयोग होने की प्रबल संभावना होती है. इस ग्रह स्थिति के बीच में रूस तथा यूक्रेन के बीच में बड़ा युद्ध लगातार चलने रहने के संकेत है तथा यह युद्ध तृतीय विश्व युद्ध की नींव पड़ने के प्रबल संकेत दे रहा है.
  • 2025 में मार्च महीने से जून महीने तक का समय पूरे विश्व के लिए बहुत अधिक संघर्षपूर्ण स्थिति का रहेगा. इस समय इजरायल ईरान, अमेरिका ईरान, लेबनॉन सीरिया आदि देश धार्मिक मुद्दों को लेकर एक दूसरे का विध्वंस करने पर उतारू हो सकते हैं. इस समय भारत पर भी इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ने वाला है. लेकिन भारत विश्व युद्ध में अधिकतर तटस्थ रहने का प्रयास करेगा.
  • जितने भी मुस्लिम देश हैं वह सारे आतंकवाद से प्रभावित होंगे तथा इन देशों से दूसरे देशों में नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों को अंजाम देने के प्रयास किए जाएंगे. कट्टरपंथी मुस्लिम देशों में विस्फोटक घटना होने की संभावनाएं भी प्रबल हैं.

निष्कर्ष- मार्च से जून 2025 तक का समय पूरे विश्व के लिए अग्नि परीक्षा जैसा रहेगा, इस समय विश्वयुद्ध जैसी परिस्थिति निर्मित होने की प्रबल संभावना है. लोगों को संयम बरतने की आवश्यकता है, सभी प्रकार की बुराईयों से मुक्त रहें, आपसी प्रेम और भाईचारे को मजबूत बनाकर रखें. जागरुक और सतर्क रहें.

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