Rang Panchami 2021: होली का पर्व फाल्गुन मास में मनाया जाता है. लेकिन रंग पंचमी का पर्व चैत्र मास में मनाया जाता है. मान्यता है कि रंग पंचमी पर देवताओं का अभिवादन और आभार व्यक्त किया जाता है. इस दिन आसमान में रंग उड़ाते हैं और भगवान का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं. माना जाता है कि रंग पंचमी का पर्व नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.


रंग पंचमी का पर्व कब है?
पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल शुक्रवार को चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने राधा के साथ इस दिन होली खेली थी. रंग पंचमी पर भगवान श्रीकृष्ण संग राधा जी की भी पूजा की जाती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी को रंग लगाया जाता है. 1 अप्रैल को पंचमी तिथि का प्रारंभ: प्रात: 10 बजकर 59 मिनट से आरंभ होकर 2 अप्रैल शुक्रवार को प्रात: 8 बजकर 15 मिनट पर पंचमी की तिथि का समापन होगा.


हवा में उड़ाया जाता है अबीर और गुलाल
रंग पंचमी के दिन एक दूसरे के रंग नहीं लगाया जाता है. इस दिन हवा में अबीर और गुलाल उड़ाने की परंपरा है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा के साथ देवी देवताओं का आह्वान किया जाता है.


एक दूसरे को देते हैं बधाई और शुभकामनाएं
रंग पंचमी के पावन अवसर पर एक दूसरे को बधाई दी जाती है. इसके साथ ही बड़ों का आर्शीवाद भी प्राप्त किया जाता है. रंग पंचमी के दिन दान आदि भी किया जा सकता है.


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