Rama Ekadashi 2025: आज से कार्तिक कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शुरू हो चुकी है, जिसे रमा एकादशी कहा जाता है. यह तिथि 16 अक्टूबर की सुबह 3 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर 17 अक्टूबर की सुबह 1 बजकर 31 मिनट तक रहेगी.

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हालांकि, इसका व्रत कल यानी शुक्रवार 17 अक्टूबर को रखा जाएगा, क्योंकि एकादशी का उपवास हमेशा उस दिन किया जाता है जब सूर्योदय के समय एकादशी तिथि रहती है. इसलिए आज का दिन व्रत की तैयारी और मन, शरीर और घर की शुद्धि का है.

आज यह संकल्प लें कि मैं कल रमा एकादशी व्रत रखूंगा और आज से ही सात्त्विकता एवं संयम का पालन करूंगा. आज से ही मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी और तामसिक भोजन का त्याग करें. दिन में हल्का भोजन करें और शाम के समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने दीपक जलाएं. तुलसी को जल अर्पित करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें. यह दिन भक्ति भाव से मन को स्थिर करने और कल के व्रत के लिए सकारात्मक ऊर्जा संचित करने का होता है.

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आज झूठ बोलने, विवाद करने, क्रोध करने या अपशब्द कहने से बचें. जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र या फल का दान करें. ब्राह्मण, वृद्ध या असहाय व्यक्ति की सेवा करें. इससे अगले दिन के व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है.

ज्योतिष के अनुसार आज चंद्रमा सिंह राशि में है, जिससे आत्मबल और श्रद्धा की भावना बढ़ती है. इसलिए आज भक्ति, ध्यान और जप के लिए सर्वोत्तम समय माना गया है.

शाम को भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें और ॐ श्रीं रमा रमणाय नमः मंत्र का जाप करें. यह उपाय लक्ष्मी कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. रात में हल्का फलाहार लें और जल्दी सो जाएं ताकि कल व्रत के लिए शरीर और मन दोनों तैयार रहें.

कल सूर्योदय के बाद रमा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. द्वादशी तिथि में, यानी 17 अक्टूबर की सुबह 6:26 बजे से 8:45 बजे के बीच पारण करने का शुभ मुहूर्त रहेगा. रमा एकादशी का यह पर्व धन, सौभाग्य और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है. जो व्यक्ति आज संयम रखता है और कल श्रद्धा से उपवास करता है, उसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.