Rahu Ketu Rashi Parivartan : तनाव और भ्रम की स्थिति व्यक्ति के लिए अच्छी नहीं मानी गई है. तनाव जहां व्यक्ति की क्षमता और प्रतिभा को प्रभावित करता है, वहीं रोग आदि में भी वृद्धि करता है. ज्योतिष शास्त्र में इसके पीछे ग्रहों की स्थिति को बताया गया है. ज्योतिष के अनुसार तनाव और भ्रम की स्थिति पैदा करने में पाप ग्रह राहु और केतु सबसे आगे रहते हैं. जब ये चंद्रमा को प्रभावित करते हैं तो व्यक्ति के मन में गलत विचार आने लगते हैं. वर्तमान समय में दो राशियों पर इन पाप ग्रहों की विशेष दृष्टि है.

वृषभ राशि में राहु का गोचरवर्तमान समय में वृषभ राशि में राहु का गोचर हो रहा है. राहु वृषभ राशि में विराजमान हैं. राहु बीते 23 सितंबर 2020 को वृषभ राशि में आया था. पंचांग के अनुसार राहु 27 जनवरी 2021 से चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में गोचर कर रहा है. इसके बाद राहु 05 अक्टूबर 2021 को कृत्तिका में नक्षत्र में आया था.

राहु का राशि परिवर्तन 2022वृष 2021 में राहु का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. राशि परिवर्तन अगले वर्ष यानि 12 अप्रैल 2022 में होने जा रहा है. 

वृश्चिक राशि में केतु का गोचरवर्ष 2021 में केतु का कोई राशि परिवर्तन नहीं है. वर्तमान समय में केतु का गोचर वृश्चिक राशि में हो रहा है. वृश्चिक राशि में केतु बीते 23 सितंबर 2020 को आया था. वृश्चिक राशि में केतु का गोचर 12 अप्रैल 2022 तक रहने वाला है.

वृषभ और वृश्चिक राशि वाले सावधान रहेंराहु और केतु का प्रभाव वृषभ और वृश्चिक राशि पर अधिक बना हुआ है. ज्योतिष शास्त्र में इन दोनों को ग्रहों को छाया  ग्रह माना गया है. इसके साथ ही राहु और केतु को जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का भी कारक है. ये दोनों ग्रह भम्र और तनाव भी प्रदान करते हैं. ये दोनों ग्रह अशुभ होने पर बुरी आदतें भी देते हैं. इसलिए इन ग्रहों को शांत रखना बहुत जरूरी है.

राहु-केतु उपायभगवान शिव और गणेश जी की पूजा करने ये इन ग्रहों की शांति होती है. इसके साथ ही गलत संगत से दूर रहना चाहिए. दान-पुण्य के कार्यों में रूचि लेनी चाहिए.

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