Shani Trayodashi 2021 Dates: शनिवार को दिन शनि देव को समर्पित है. लेकिन इस बार शनिवार को शनि देव के साथ साथ शिव जी को भी प्रसन्न करने का शुभ संयोग बनने जा रहा है. पंचांग के अनुसार 18 सितंबर 2021, शनिवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. इस तिथि को प्रदोष व्रत के रूप जानते हैं. भाद्रपद यानि भादो का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. इसके साथ ही शनि देव की पूजा के लिए विशेष माना गया है.


शनि देव भगवान शिव के भक्त हैं
शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में क्रूर और न्याय करने वाला ग्रह माना गया है. शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति हर कार्य में बाधा और परेशानी का सामना करना पड़ता है. शनि देव जब अधिक परेशान करने लगें तो भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए. मान्यता है कि शनि देव, शिव भक्तों को परेशान नहीं करते हैं. एक पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी, तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शनि देव को सभी ग्रहों का न्यायाधीश यानि दंडाधिकारी नियुक्त किया था. 


शनि प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार जब त्रयोदशी की तिथि शनिवार के दिन पड़ती है तब इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत में पूजा करने से भगवान शिव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.


प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 18 सितंबर 2021, शनिवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी की तिथि प्रात: 06 बजकर 54 मिनट से आरंभ होगी. त्रयोदशी तिथि का समापन 19 सितंबर को प्रात: 05 बजकर 59 मिनट पर होगा. प्रदोष व्रत में प्रदोष काल की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है.


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