Pitru Paksha 2021: पितृ पक्ष चल रहा है. पितृ पक्ष में दशमी की तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. पंचांग के अनुसार 01 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है. इस दिन दशमी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा. पितृ पक्ष में इस तिथि का श्राद्ध कर्म विशेष माना गया है.


पितृ पक्ष का महत्व
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है. गरुण पुराण में पितृ पक्ष, श्राद्ध कर्म और तर्पण के बारे में बताया गया है. पितृ पक्ष में पितरों को याद किया जाता है. पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर धरती पर आते हैं.  पितरों का आशीर्वाद जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है. 


दशमी तिथि का श्राद्ध (Dashmi Shradh 2021 Date)
पितृ पक्ष मे दशमी की तिथि को विशेष महत्व प्रदान किया गया है. जो लोग दशमी की तिथि को देह का त्याग करते हैं उनका श्राद्ध, दशमी की तिथि मे किया जाता है. मान्यता के अनुसार विधि पूर्वक श्राद्ध करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है.


पितरों का आभार व्यक्त करें
पितृ पक्ष में पितरों का आभार व्यक्त किया जाता है. पितरों का आभार व्यक्त करने से आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितर प्रसन्न रहते हैं तो जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है. पितृ पक्ष में पितरों की पूजा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. जन्म कुुंडली में पितृ दोष की स्थिति को शुभ नहीं माना गया है, जिस व्यक्ति की कुंडली में इस दोष का निर्माण होता है, उसे हर कार्य में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे व्यक्ति के जीवन में धन की कमी बनी रहती है, जमा पूंजी नष्ट हो जाती है. कलह और तनाव की स्थिति बनी रहती है. व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचार आते हैं.


दशमी श्राद्ध की विधि
01 अक्टूबर 2021 को दशमी का श्राद्ध है. इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद श्राद्ध क्रिया का आरंभ करें. भोजन को पांच भागों में विभाजित करें. दान आदि करने से पहले पंचबली भोग अवश्य लगाएं. पंचबली भोग में गाय, कुत्ता, कौवा, चींटी और देव आते हैं. इन्हें भोग लगाने के बाद ही भोजन कराने और दान की प्रक्रिया को करना चाहिए. इस दिन हर प्रकार की बुराई और गलत आदतों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए.


01 अक्टूबर 2021 का राहु कल (Rahu Kaal)
पंचाग के अनुसार 01 अक्टूबर को प्रात: 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक राहु काल रहेगा. इस समय में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.


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