Papmochini Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है. पंचांग के अनुसार हर माह में दो एकादशी की तिथि पड़ती है. यानी की एक साल में कुल 24 एकादशी आती हैं. हर महीने में अलग-अलग एकादशी पड़ती है. जिनका अपना एक अलग महत्व है.
वर्तमान में चैत्र मास चल रहा है. चैत्र मास की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है. इस साल 5 अप्रैल को यह व्रत रखा जा रहा है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा विधि-विधान से करनी चाहिए, तभी इस व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है. एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ और कठिन माना गया है. इस दिन कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
- धार्मिक मान्यता के अनुसार एकादशी व्रत में भूलकर भी चावल नहीं खाना चाहिए. क्योंकि चावल खाना इस दिन वर्जित माना जाता है. ऐसे में अगर चावल का सेवन करने से व्रत खंडित हो जाता है.
- पापमोचिनी एकादशी के दिन के तुलसी के पत्तों को ना तो तोड़े और ना ही उसे स्पर्श करें. क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अति प्रिय है. ऐसे में इस दिन इसके पत्तों को तोड़ने से माता लक्ष्मी बहुत नाराज हो सकती हैं.
- किसी भी शुभ कार्य में भूलकर भी काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए. इसलिए पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए पीले रंग के वस्त्र धारण करके ही पूजा करें.
- एकादशी के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि इस दिन तामसिक भोजन करने से भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं और व्रत खंड़ित हो सकता है.
- पापमोचिनी एकादशी के दिन कोशिश करें कि आप किसी के साथ गलत व्यवहार ना करें और किसी भी प्रकार के लड़ाई-झगड़े से खुद को दूर रखें.
- मान्यता के अनुसार एकादशी के दिन बाल और नाखून भूलकर भी नहीं कटवाना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से घर में आर्थिक तंगी आ सकती है.
- पापमोचिनी एकादशी व्रत रखने वाले व्यक्ति को इस दिन भूलकर भी किसी का अन्न दान ना लेना चाहिए और ना ही खाना चाहिए.
- एकादशी के दिन किसी भी पेड़ से पत्ते नहींं तोड़ने चाहिए केवल पेड़ के नीचे गिरे हुए पत्तों का उपयोग करना सही होता है.
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