Panchmukhi Hanuman: जीवन में कभी-कभी ऐसा भारी संकट आ जाता है जिससे निकलना बहुत मुश्किल लगता है. ऐसे स्थिति में आपको पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए. हनुमान जी अपने भक्तों के सार संकट हर लेते हैं. यही वजह है कि उन्हें संकट मोचन कहा जाता है.  हनुमान जी की उपासना करने से हर तरह के संकटों से निजात मिलती है.  


अगर आपके जिवन की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं तो आपको अपने घर में हनुमान जी की एक खास तस्वीर लगानी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर में हनुमान जी की पंचमुखी तस्वीर लगाने से घर के सदस्यों की हर परेशानी खत्म हो जाती है. बजरंगबली के स्मरण मात्र से ही हर तरह की समस्या से मुक्ति मिल जाती है. आइए जानते हैं हनुमान जी का पंचमुखी अवतार क्या है और इसे कैसे लगाना चाहिए.


हनुमान जी की पंचमुखी तस्वीर का महत्व


घर में हनुमान जी की पंचमुखी तस्वीर लगाने से घर से सारी परेशानी चली जाती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. पंचमुखी हनुमान के पांचों मुख का अलग-अलग महत्व है. इसमें भगवान के सारे मुख अलग-अलग दिशाओं में होते हैं. पूर्व दिशा की ओर हनुमान जी का वानर मुख है जो दुश्मनों पर विजय दिलाता है. पश्चिम दिशा की तरफ भगवान का गरुड़ मुख है जो जीवन की रुकावटों और परेशानियों को खत्म करते हैं. 


उत्तर दिशा की ओर भगवान हनुमान का वराह मुख होता है जो प्रसिद्धि और शक्ति का कारक माना जाता है. दक्षिण दिशा की तरफ हनुमान जी का नृसिंह मुख जो जीवन से डर को दूर करता है. आकाश की दिशा की ओर भगवान का अश्व मुख है जो व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.


पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगाने की सही दिशा


पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर लगाने में सही दिशा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. पंचमुखी हनुमान जी की तस्वीर घर के मुख्य द्वार पर लगाना सबसे शुभ माना जाता है. इस जगह पर तस्वीर लगाने से घर में किसी भी तरह की बुरी शक्ति अंदर नहीं आ पाती है. वास्तु के अनुसार दक्षिण दिशा से सबसे अधिक नकारात्मक ऊर्जा निकलती है. इस दिशा में पंचमुखी हनुमान का चित्र लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है. वहीं घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में पंचमुखी हनुमान का चित्र लगाने से सभी तरह के वास्तुदोष मिट जाते हैं.


भगवान हनुमान ने क्यों लिया पंचमुखी अवतार?


कथा के अनुसार, जब भगवान राम और रावण के बीच में युद्ध चल रहा था तो अपनी सेना को हारता देख रावण ने अपने मायावी भाई अहिरावण से मदद मांगी. अहिरावण मां भवानी का परम भक्‍त और तंत्र विद्या का बड़ा ज्ञाता था. उसने अपनी माया के जाल से भगवान राम की पूरी सेना को नींद में सुला दिया और राम-लक्ष्‍मण का अपहरण करके अपने साथ पाताल लोक ले गया.


अहिरावण चूंकि मां भवानी का बड़ा भक्‍त था. उसने 5 दिशा में 5 दीपक मां भवानी के नाम के जलाकर रखे थे. उसे यह वरदान प्राप्‍त था कि जो कोई भी इन पांच दीपकों को एक साथ बुझा पाएगा वही उसका वध कर पाएगा. तब अहिरावण को हराने के लिए हनुमान जी को पंचमुखी रूप धारण करना पड़ा. हनुमान जी ने 5 मुख धारण कर पांचों दिशाओं के दीपक को बुझाया और अहिरावण का वध करके राम-लक्ष्‍मण को उसके चंगुल से मुक्‍त करवाया.


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