Kalashtam 2021 : पंचांग के अनुसार जून के प्रथम सप्ताह में विशेष पर्व और व्रत पड़ रहे हैं. इनका जीवन में विशेष महत्व बताया गया है. जून के आरंभ होते ही पंचक लग चुके हैं. इस बार पंचक मंगलवार के दिन आरंभ हुआ है. इसलिए इसे अग्नि पंचक कहा जाता है. अग्नि पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. अग्नि पंचक 5 जून को समाप्त होगा.


कालाष्टमी 2 जून, बुधवार
पंचांग के अनुसार, हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी तिथि होती है. इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है. कालाष्टमी का व्रत महत्वपूर्ण माना गया है. भगवान काल भैरव की पूजा करने से शनि देव, राहु और केतु के दोष दूर होते हैं. इसके साथ ही नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. शास्त्रों के अनुसार भगवान काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के रौद्र रूप से हुई है. भगवान कालभैरव की पूजा करने से बड़ी से बड़ी समस्या से मुक्ति मिलती है.


पंचक का समापन, 5 जून
पंचांग के अनुसार 1 जून से पंचक आरंभ हुआ था. पंचक का समापन 5 जून को होगा. इस पंचक को अग्नि पंचक कहा जाता है. इस पंचक में अग्नि और मंगल प्रधान चीजों से बचना चाहिए. इनका प्रयोग सावधानी से करना चाहिए.


अपरा एकादशी, 6 जून
6 जून 2021, रविवार को ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि है. इस एकादशी को अपरा एकादशी और अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. शास्त्रों में एकादशी का व्रत सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. 


एकादशी का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 05 जून, 2021 को प्रात: 04 बजकर 07 मिनट
एकादशी तिथि समाप्त: 06 जून, 2021 को प्रात: 06 बजकर 19 मिनट


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