Disha Shool: पंचांग में दिशा शूल का विशेष महत्व बताया गया है. यात्रा करते समय दिशा शूल का ध्यान किया जाता है. दिशा शूल की जरूरत तब पड़ती है जब कोई व्यक्ति यात्रा की योजना बनाता है. यात्रा करने से पूर्व दिशा शूल के बारे में जाना जाता है.

शुभ कार्य और दिशा शूल का ज्ञान शुभ कार्य करने से पहले दिशा शूल का ज्ञान किया जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब व्यक्ति जॉब, कारोबार, विवाह आदि संबंधी कार्यों के लिए जब घर से बाहर जाते हैं तो दिशा शूल का जरूर ध्यान करना चाहिए.

लंबी दूरी की यात्रा से पहले जान लें दिशा शूल दिशा शूल व्यक्ति को दुर्घटनाओं से भी बचाता है. लंबी और महत्वपूर्ण यात्रा करने से पहले दिशा शूल के बारे में जान लेना चाहिए. जिस दिन जो दिशा शूल होता है उसका पालन करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिशा शूल के अनुसार यात्रा करने से यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है.

दिशा शूल क्या होता है पंचांग के अनुसार प्रत्येक दिन किसी खास दिशा में दिशा शूल होता है. दैनिक पंचांग में इसका उल्लेख मिलता है. ध्यान देने वाली बात ये है कि जिस दिन जिस दिशा में दिशा शूल होता है उस दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिशा शूल वाली दिशा में यात्रा करने से दुर्घटना होनी की संभावना रहती है.

इन बातों का रखें ध्यान शनिवार और सोमवार को पूरब दिशा, मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा, गुरुवार को दक्षिण दिशा, शुक्रवार और रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा करना अशुभ माना गया है. इसके साथ ही सोमवार और गुरुवार को दक्षिण पूर्व दिशा, रविवार और शुक्रवार के दिन दक्षिण-पश्चिम दिशा, मंगलवार को पश्चिम-उत्तर के कोण में यात्रा करना शुभ नहीं माना गया है. बुधवार और शनिवार के दिन उत्तर-पूरब की यात्रा बचना चाहिए.

यात्रा से पहले करें ये उपाय भगवान और घर के बुजुर्गों का आर्शीवाद लेने के बाद ही यात्रा करनी चाहिए. तनाव में यात्रा करने से बचना चाहिए. दान आदि देकर भी यात्रा करना शुभ होता है. अच्छे मन से घर से बाहर निकलना चाहिए. खाली पेट यात्रा न करें.

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