Padmini Ekadashi Significance: 29 जुलाई यानी आज पद्मिनी एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. सभी एकदशियों में इस एकादशी का महत्व बहुत ज्यादा माना गया है. आज के दिन पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से वैकुंठ धाम मिलता है. पद्मिनी एकादशी की पूजा शुभ मुहूर्त में करना विशेष फलदायी होता है.
पद्मिनी एकादशी 2023 मुहूर्त
सावन अधिक मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि की शुरूआत: 28 जुलाई, दोपहर 02:51 बजेसावन अधिक मास शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि की समाप्ति: 29 जुलाई, दोपहर 01:05 बजेपद्मिनी एकादशी पूजा मुहूर्त: आज, सुबह 07:22 बजे से सुबह 09:04 बजे तक, दोपहर 12:27 बजे से शाम 05:33 बजे तक शुभ समय.ब्रह्म योग: प्रात:काल से सुबह 09:34 बजे तकइंद्र योग: सुबह 09:34 बजे से पूरी रातज्येष्ठा नक्षत्र: आज सुबह से लेकर रात 11:35 बजे तक
पद्मिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि
आज सुबह स्नान करने के बाद पद्मिनी एकादशी व्रत और विष्णु पूजा का संकल्प करें. पूजा की चौकी पर भगवान विष्णु को स्थापित करें और पंचामृत से उनका अभिषेक करें. उन्हें चंदन, पीले फूल, वस्त्र, यज्ञोपवीत, तुलसी के पत्ते, फल, सुपारी, पान का पत्ता, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करें. विष्णु भगवान की पूजा के दौरान उनके मंत्र ओम नमो भगवते वासुदेवाय का उच्चारण करते रहें.
इसके बाद घी का एक दीपक जलाकर श्रीहरि के दाईं ओर रख दें. अब विष्णु चालीसा, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. फिर पद्मिनी एकादशी व्रत कथा सुनें. उसके बाद भगवान विष्णु की आरती करें और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान से प्रार्थना करें. एकादशी के दिन रात्रि जागरण करते हुए विष्णु भगवान के भजन या गीत गाना अति उत्तम माना जाता है. इस दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराने या दान करने से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है.
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