Numerology, Ank Shastra: अंकशास्त्र (Numerology) ज्योतिष शास्त्र की एक महत्वपूर्ण शाखा मानी जाती है. ज्योतिष में जिस तरह से12 राशियां होती हैं और इनका संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. उसी प्रकार से अंक शास्त्र में मूलांक होते हैं और इनका भी संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. अंक शास्त्र में मूलांकों की संख्या कुल 9 होती है. न्यूमेरोलॉजी में मूलांक व्यक्ति की जन्म तिथि को जोड़कर ज्ञात किया जाता है. अंकशास्त्र के मुताबिक, मूलांक, 3, 4, और 8 के लोग बहुत ही मेधावी होने के बावजूद भी अपना मुकाम हासिल नहीं कर पाते हैं. आइये जानें इन मूलांकों की अन्य विशेषताएं और कमियां.


ऐसे ज्ञात करें मूलांक


व्यक्ति की जन्म तिथि को जोड़ने के बाद जो अंक प्राप्त होता है. उसे मूलांक कहा जाता है. जिस व्यक्ति का जन्म किसी भी माह के 3, 12, 21 और 30 तारीख को हुआ है, उसका मूलांक 3 होगा. इसी प्रकार 4, 13, 22 और 31 तारीख को जन्में लोगों का मूलांक 4 और 8, 17 और 26 को जन्मे लोगों का मूलांक 8 होता है.   


मूलांक 3 की विशेषताएं


3, 12, 21 और 30 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 3 होता है. मूलांक 3 के स्वामी देव गुरू बृहस्पति माने जाते हैं. मूलांक 3 के लोग बेहद बुद्धिमान, मेधावी और क्षमतावान होते हैं. इसके बावजूद इनके कॅरियर में काफी बाधाएं आती रहती हैं. ये लोग पारिवारिक समस्याओं में उलझे रहते हैं. इन्हें हादसों और दुर्घटनाओं का डर बना रहता है.  


मूलांक 4 की विशेषताएं


मूलांक 4 का स्वामी राहु होता है. ये लोग काफी बुद्धिमान और होशियार होते हैं, लेकिन इनका जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है. ये लोग रहस्यमयी होते हैं. इन्हें समझ पाना काफी मुश्किल होता है. अपने मुकाम हासिल करने के लिए इन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. कई बार तो कड़ी मेहनत करने के बाद लक्ष्य के नजदीक पहुंचकर भी इन्हें मुकाम हासिल नहीं होता.


मूलांक 8 की विशेषताएं


मूलांक 8 के स्वामी शनि देव हैं. ये लोग मेधावी होने के साथ काफी मेहनती भी होते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी इन्हें वह नहीं मिलता जिसके ये हक़दार होते हैं. जीवन में इन्हें कई बार धोखा मिलता है.


 



 



 


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