Nazar Teeka in Astrology: भारतीय परिवारों में बुरी नजर से बचाने के लिए नजर नामक टीका एक प्राचीन परंपरा है, जिसका सदियों से पालन किया जा रहा है. इसमें काजल से माथे पर एक छोटी सी बिंदी लगाई जाती है, जिसके बारे में कहा जाता है कि, ऐसा करने से नजर नहीं लगती है.

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यह प्रथा अधिकतर बच्चों और नवजात शिशुओं के बीच काफी लोकप्रिय है. जिन लोगों की कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति प्रबल होती है, ज्योतिषियों के मुताबिक उनको इस अनुष्ठान को जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से बाल, अनुशासन और कर्म में सुधार आता है.

मान्यताओं के मुताबिक, जब शनि ग्रह आंख या बाल पर शासन करते हैं, तो काजल लगाने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव होता है. आध्यात्म और ज्योतिष में रुचि रखने वाले कई लोगों ने नजर से बचाव के लिए टीका को सुरक्षात्मक उपाय के तौर पर लिया है. 

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नजर टीका का महत्व

आंखों या माथे पर काला टीका नकारात्मक ऊर्जा से बचाव और उसे अवशोषति करने के लिए लगाया जाता है. सौंदर्य उत्पाद के रूप में प्रयोग होने वाले काजल के विपरीत, नजर टीका प्रतिकात्मक होता है. यह एक सुरक्षात्मक ढाल के रूप में देखा जाता है, जो नकारात्मक या ईर्ष्यालु नजरों से बचाव करता है, जिसे आमतौर पर नजर लग्न कहा जाता है.

नजर टीका सही तरीके से कैसे लगाएं?

ज्योतिषाचार्य जया मदान के अनुसार, घर से निकलने से पहेल अपनी आंखों के बाहरी कोनों पर काजल लें. यह जगह सुरक्षात्मक स्थान के रूप में देखा जाता है. यह दो वजहों से महत्वपूर्ण हैं पहला शनि की सबसे अधिक शक्ति बालों की रेखा के पास होती है.

टीका लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि यह दोष रहित न हो और न ही देखने में आकर्षक होना चाहिए. काजल में शनि की शक्ति निहित होती हैं. 

ज्योतिषी सलाह देते हैं कि जब टीका लगाकर आप बाहर से घर में प्रवेश करें तो इसे किसी टिश्यू से साफ कर लें. घर के निजी वातावरण में इसे प्रवेश देने से बचें. अगर आपको चापलूसी, घूरती निगाहें या ध्यान मिला है तो उस जगह को साफ करें.

इसके लिए खारे पानी का इस्तेमाल करें, क्योंकि प्राचीन सभ्यताओं में इसे नजर से जोड़ा जाता है. मान्यताओं के मुताबिक नमक Aura को संतुलित करता है और बुरी नजर से बचाता है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.