Maa Chandraghanta Mantra Benefits: आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है. आज के दिन मां के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघण्टा की पूजा की जाती है. इनके नाम का विशेष अर्थ है. चंद्र मतलब चंद्रमा और घण्टा मतलब घण्टा के समान. माता के माथे पर चमकते हुए चंद्रमा की वजह से ही उनका नाम पड़ा. देवी का यह स्वरूप भक्तों में साहस और वीरता भरता है.
देवी चंद्रघण्टा माता पार्वती का रौद्र रूप हैं, लेकिन उनका यह रूप तभी दिखता है जब वो क्रोधित होती हैं. भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए मां ने अपने हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है. माता को राक्षसों की वध करने वाली मां कहा गया है. देवी चंद्रघण्टा के पूजन और मंत्रों के जाप से भक्तों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है.
मां चंद्रघण्टा का प्रभावशाली मंत्र
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
प्रार्थना मंत्र
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
ध्यान मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥प्रफुल्ल वन्दना बिबाधारा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।कमनीयां लावण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥
मां चंद्रघण्टा का मंत्र जपने से होते हैं लाभ
मां के तीसरे स्वरूप को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पण करनी चाहिए. मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी चंद्रघण्टा शुक्र ग्रह को नियंत्रित करती हैं. देवी की पूजा से शुक्र ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं. इनकी आराधना से व्यक्ति में वीरता का संचार होता है और शत्रु पर विजय मिलती है.
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