Nag Panchami: 21 अगस्त यानी आज नाग पंचमी का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन नागों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. आज सोमवार पड़ने की वजह से नाग पंचमी का महत्व और बढ़ गया है. सोमवार के दिन नागपंचमी का पड़ना बहुत शुभ है क्‍योंकि नाग देवता शिव जी के गण माने जाते हैं और सोमवार का दिन शंकर भगवान को समर्पित है.  


नाग पंचमी व्रत भी रखा जाता है. ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी का व्रत करने से नाग देवता सबकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. नागपंचमी के दिन कुछ खास काम करने की मनाही होती है. आइए जानते हैं इस दिन से जुड़े नियमों के बारे में.


नागपंचमी के दिन नहीं करने चाहिए ये काम


नाग पंचमी के दिन पेड़-पौधे की कटाई से बचना चाहिए. इस दिन गलती से भी जमीन की खुदाई नहीं करनी चाहिए, खासकर उस स्थान पर जहां नाग का बिल होने की संभावना हो. इस दिन ना तो सांपों को परेशान करना चाहिए और ना ही उन्हें मारना चाहिए. इस दिन अगर घर में कहीं सांप निकल आए, तो उसे बाहर फेंक देना चाहिए. नाग पंचमी के दिन सुई-धागा का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. इस दिन नुकीली चीजें जैसे कैंची, चाकू आदि का इस्तेमाल करने की भी मनाही होती है.



नाग पंचमी के दिन नागों की स्वतंत्र पूजा नहीं करनी चाहिए. उनकी पूजा शिव जी के आभूषण के रूप में ही करना शुभ माना जाता है. जीवित सर्प को दूध पिलाना उनके लिए खतरनाक हो सकता है, इससे उनकी जान भी जा सकती है. इसलिए इस दिन सांपो को दूध पिलाने की बजाय दूध से उनका स्नान करना चाहिए.


नागपंचमी का महत्व


हिंदू धर्म में कई वर्षों से नागों को पूजा की जाती रही है. सांपों का संबंध किसी न किसी देवता से भी है. जैसे कि भगवान विष्णु की शैय्या के रूप में नाग है तो शिव जी के गले का हार सांप है. इसलिए नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने का विधान है. नागपंचमी के दिन वासुकी नाग,तक्षक नाग, शेषनाग आदि की पूजा की जाती है. इस दिन लोग अपने घर के द्वार पर नागों की आकृति भी बनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि इससे नाग देवता की कृपा बनी रहती है और नाग देवता घर की सुरक्षा करते हैं. इस दिन विधि विधान से पूजा अर्चना करने से नाग देवता पूरे परिवार की रक्षा करते हैं. 


नाग पंचमी के दिन नागदेव की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. जिन लोगों की कुंडली काल सर्प दोष हो उन्हें नाग पंचमी के दिन नाग-नागिन का जोड़ा बनवाकर विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से काल सर्प दोष खत्म हो जाता है.


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