Margashirsha Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है. इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा, गुरुवार 4 दिसंबर 2025 को है. बात की जाए चंद्रोदय के समय की तो सुबह 8 बजकर 37 मिनट बजे से शुरू होगी और अगले दिन 5 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी.

Continues below advertisement

चंद्रोदय का समय 4 बजकर 35 मिनट है. इस दिन एक खास साधना करने से जीवन की दो मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें विशेष साधना

4 दिसंबर 2025, गुरुवार की रात कोई आम रात नहीं हैं, यह एक दिव्य रात है जब ब्रह्मांड में दो अत्यंत शुभ संयोग एक साथ बनते हैं. एक ऐसा योग जिसमें दो मुख्य इच्छाएं होती हैं, जिससे आप अपनी जिंदगी की दो मुख्य इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं. 

Continues below advertisement

4 दिसंबर गुरुवार को जब आसमान शांत, ठंडा, रोशनी से भरा और पूर्णिमा का चांद उदित हो, उस समय आपको एक सरल लेकिन अत्यंत लाभकारी साधना को करना है. यह साधना आपके जीवन की 2 इच्छाओं को पूरा कर सकती है. 

इसके लिए सबसे पहले एक साफ गिलास में पानी भर लें. पानी के गिलास के साथ चांद के पास खड़े हो जाएं. अपने मन और मस्तिष्क को शांत अवस्था में लाएं. और मन ही मन अपनी 2 इच्छाओं को साफ-साफ बोलें.

साधना को करते समय आपकी भावना जितनी सक्रिय रहेगी, उतनी ही जल्दी ये एनर्जी आपके जिंदगी में अपना प्रभाव दिखाना शुरू करेगी.

साल का आखिरी और प्रभावशाली पूर्णिमा

उस गिलास को दोनों हाथों से पकड़ें और धीरे-धीर चांद की ओर ले जाए जैसे आप उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. इसके बाद चांद की शीतलता रोशनी में उस पानी को पिएं. यह साल की आखिरी और सबसे प्रभावशाली पूर्णिमा है. यह कोल्ड मून हैं जो मनोकामना की पूर्ति के लिए बेहद शुभ माना जाता है.

इस रात किया गया संक्लप, विश्वास  और आह्वान खाली नहीं जाता है. सच्चे मन से पूर्णिमा की रात की गई ये साधना आपकी दोनों मनोकामनाओं को अवश्य पूर्ण करेगी. इस बात पर विश्वास करें कि, चंद्रदेव की कृपा कभी भी खाली नहीं जाती है. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.