Mangal Mahadasha: कुंडली के प्रत्येक ग्रह की अपनी महादशा होती है, जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है. इन्हीं में से एक है मंगल की महादशा, जो लगभग सात साल तक चलती है. यह समय व्यक्ति के जीवन में जोश, ऊर्जा और साहस का संचार करती है, लेकिन साथ ही यह काल कई बार क्रोध और संघर्ष का कारण भी बन सकती है.
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में मंगल की महादशा लगभग 7 साल तक चलती है, जिसके दौरान व्यक्ति को ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास की कमी का अनुभव होता है. लेकिन क्रोध और संघर्ष की संभावना अधिक रहती है. इस दशा के दौरान अन्य ग्रहों की अंतर्दशा भी आती हैं, जो शुभ या अशुभ प्रभाव डाल सकती है. मंगल की महादशा के शुभ और अशुभ दोनों तरह के प्रभाव हो सकते हैं, जो व्यक्ति की कुंडली में मंगल की स्थिति पर निर्भर करते हैं.
मंगल की महादशा (Mangal Ki Mahadasha)
अवधि- मंगल की महादशा लगभग 7 साल तक चलती है.
प्रभाव- मंगल की महादशा के दौरान सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ते हैं. सकारात्मक प्रभाव यह है कि, करियर में सफलता, आत्मविश्वास में वृद्धि, नेतृत्व क्षमता और शारीरिक शक्ति में सुधार ला सकती है. वहीं इसके नकारात्मक प्रभावों में क्रोध, संघर्ष, कोर्ट-कचहरी के मामले, वित्तीय अस्थिरता बनी रहती है. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह समय रक्तचाप, ज्वर या दुर्घटना जैसी समस्याएं ला सकता है.
मंगल की अशुभ महादशा से बचने के उपाय
हनुमानजी की पूजा- मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें और बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं.
पान का बीड़ा- मंगलवार के दिन बजरंगबली को पान का बीड़ा अर्पित करें. इससे भी जीवन में चल रही नकारात्मकता कम होती है.
दान करें- मंगलवार के दिन गुड़ और भुने चने बंदरों और गाय को खिलाने से भी मंगल से शुभ फल मिलते हैं.
मंत्र जाप- मंगल ग्रह को शांत करने के लिए मंगल देव या मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है.
रत्न धारण- मंगल से शुभ फल पाने के लिए मूंगा रत्न पहनने से लाभ हो सकता है. हालांकि कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी को अपनी कुंडली दिखाए और रत्न धारण करने की सलाह लें.
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