Laxmi Ji: लक्ष्मी जी पूजा मात्र से ही प्रसन्न नहीं होती है, मनुष्य का आचरण भी श्रेष्ठ होना चाहिए तभी लक्ष्मी जी की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है. लक्ष्मी जी को धन की देवी कहा गया है.


कलियुग (Kaliyug) में धन को वरियता दी गई है. आचार्य चाणक्य (Chanakya) ने धन को सच्चा मित्र बताया है, यानि धन (Money) ही जो व्यक्ति के बुरे वक्त में काम आता है.


इसलिए धन की देवी को प्रसन्न रखना अति आवश्यक हो जाता है. आप भी यदि सुख-समृद्धि की देवी की कृपा और जीवन में आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इन बातों पर जरुर गौर करें- 


भोजन के नियम (Bhojan Ke Niyam)



  • शास्त्रों में भोजन (Bhojan) का अपमान करना बहुत अशुभ माना गया है.

  • खाना खाते समय कभी भी गुस्से में खाना छोड़कर नहीं उठना चाहिए, या खाना को नहीं फेंकना चाहिए, ऐसा करना अन्न और मां लक्ष्मी (Maa Laxmi) का अपमान करना होता है.

  • भोजन करते समय इस बात का ख्याल रखें और बीच में ना उठें. भोजन को पूरा करें और फिर उठे. बीच में उठने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं.

  • खाने खाते समय खाने की दिशा का ख्याल जरुर रखें. हर किसी को खाना पूर्व (East) या फिर उत्तर (North) दिशा की मुख करके खाना चाहिए.

  • खाना हमेशा नहाकर धोकर ही खाना चाहिए. बिना स्नान (Bath) करें खाना खाने से लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाती हैं.

  • खाना कभी-भी टूटे-फूटे बर्तनों या हाथ पर रखकर नहीं खाना चाहिए.

  • अगर आप भी देवी लक्ष्मी (Devi Laxmi) को प्रसन्न करना चाहते हैं तो शराब (Alcohol), मांस (Non Veg)का सेवन ना करें. इन सब चीजों के सेवन से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती.

  • भोजन ग्रहण करने से पहले मां को प्रणाम करें, उनके आशीर्वाद से भोजन ग्रहण कर रहें हैं. मां लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी कहा गया है. उनके कृपा से भोजन मिलता है.


भोजन करने से पहले इस मंत्र का जाप करें (Bhojan Mantra Jaap)


ॐ सह नाववतु, सह नौ भुनक्तु, सह वीर्यं करवावहै तेजस्वि नावधीतमस्तु मा विद्विषावहै, ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः


भोजन को लेकर पौराणिक ग्रंथों में गंभीरता चर्चा की गई हैं, महाभारत के सबसे शक्तिशाली योद्धाओं में से एक भीष्म पितामाह ने भी भोजन के नियमों के बारे बताया गया है.


भोजन करते समय विशेष अनुशासन का पालन करना चाहिए, साफ-सफाई के नियमों के साथ स्थान आदि का भी ध्यान करना चाहिए. भोजन का संबंध मन और मस्तिष्क से है, और ये दोनो ही चीजें हमारी कार्य क्षमता को प्रभावित करती है.


व्यक्ति की कुशलता में जब कमी आती है तो उसका असर कहीं न कहीं उसकी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है.


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