Ketu Upay: करवा चौथ (Karwa Chauth 2022) का पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी की तिथि भगवान गणेश को समर्पित है. यही कारण है कि करवा चौथ पर चंद्रमा के साथ साथ विघ्नहर्ता यानि गणपति भगवान की भी विशेष पूजा होती है.
ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में गणेश जी को बुद्धि का दाता माना गया है. गणेश जी (Ganesh Ji) की पूजा से बुध और केतु ग्रह की अशुभता दूर होती है. केतु को ज्योतिष शास्त्र में पाप ग्रह की श्रेणी में रखा गया है. केतु का धड़ है, सिर नहीं है. इसलिए उसमें सोचने की शक्ति नहीं है. केतु जब अशुभ होता है तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ती है-
- भ्रम की स्थिति बनी रहती है.
- मेहनत करने के बाद भी फल नही मिलता.
- दांपत्य जीवन में तनाव बना रहता है.
- संतान उत्पत्ति में भी बाधा आती है.
- अचानक हानि होने लगती है.
- जमा पूंजी नष्ट होने लगती है.
- नशे की लत लग जाती है.
- व्यक्ति स्वच्छता से दूर होने लगता है.
- मन में बुरे ख्याल आने लगते हैं.
- ऐसा रोग लग जाता है जिसका पता देर से चलता है.
- व्यक्ति नियम को नहीं मानता है.
- गलत कामों को करने लगता है.
- परिवार के किसी सदस्य से उसे लगाव नहीं रहता है.
केतु को शुभ बनाए रखना बहुत ही जरूरी हैज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु को शुभ रखना आवश्यक बताया गया है. केतु जब शुभ होता है तो व्यक्ति को जीवन में अचानक तरक्की मिलती है. व्यक्ति शोध आदि के कार्यों से विशेष सफलता पाता है. विदेश से संपर्क बढ़ता है. ऐसे लोग अपने मौलिक विचारों से बदलाव लाने वाले होते हैं.
करवा चौथ पर केतु का उपायकरवा चौथ का पर्व आज मनाया जा रहा है. केतु को शांत करने के लिए गणेश जी की पूजा को सर्वोत्तम बताया गया है. मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से केतु ग्रह की शांति होती है. आज शाम शुभ मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करें. इस दिन दूर्वा घास अर्पित करें और इस मंत्र का एक माला जाप करें-ॐ कें केतवे नम:
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