Jupiter in Hindi: ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे ग्रह बताए गए हैं, जिन्हें शांत करने या उनकी अशुभता को दूर करने से शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त होती है. हर युवा जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहता है. सफलता प्राप्त करने के लिए युवा कठोर परिश्रम भी करते हैं. लेकिन कई बार कठोर परिश्रम के बाद भी मनचाही सफलता प्राप्त नहीं होती है. इन स्थितियों में ग्रहों की स्थिति को जांच कर उनका उपाय करना आवश्यक हो जाता है. 


21 अक्टूबर को बन रहा है विशेष संयोग
गुरुवार का दिन देव गुरु बृहस्पति को समर्पित है. 21 अक्टूबर, गुरुवार को कार्तिक मास का आरंभ हो रहा है. कार्तिक मास को हिंदू पंचांग के अनुसार उत्तम मास माना गया है. इस दिन कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. मकर राशि में गुरु विराजमान है. इस दिन गुरु का उपाय करने से लाभ प्राप्त होता है और गुरु की अशुभता दूर होती है.


गुरु ज्ञान के कारक हैं
गुरु यानि बृहस्पति ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. गुरु को देव गुरु बृहस्पति भी कहा जाता है. बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु भी बताया गया है. गुरु को शिक्षा, उच्च पद और परीक्षाओं में सफलता प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है. वैदिक ज्योतिष में गुरु को शिक्षा का कारक माना गया है. गुरु हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है. गुरु को धनु और मीन राशि के स्वामी हैं. कर्क राशि में गुरु उच्च के और मकर राशि में ये नीच के हो जाते हैं. गुरु ज्ञान के कारक होने के साथ संतान, धन, दान, विवाह आदि के भी कारक हैं.


गुरु शुभ होने पर क्या फल देते हैं
जन्म कुंडली में गुरु जब शुभ होते हैं तो व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलता प्रदान करते हैं. ऐसा व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त करता है. प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्रदान कराते हैं. गुरु शुभ और बलवान होने पर प्रशासनिक सेवाओं से जुड़ी परीक्षाओं में भी अच्छे परिणाम प्रदान करते हैं. ऐसे लोगों कुशल प्रशासक भी होते हैं. गुरु व्यक्ति के आय के स्त्रोत में भी वृद्धि करते हैं. ऐसे लोग कई तरह से जीवन में धन प्राप्त करते हैं. इन्हें सम्मान भी प्राप्त होता है. ये अत्यंत गंभीर और रणनीति बनाने में माहिर होते हैं. ये समस्याओं को हल करने में भी निपुण होते हैं. इसके लिए जन्म कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति को भी देखना चाहिए. गुरु को शुभ बनाने के लिए इन मंत्रों का जाप करना चाहिए-



  • ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:

  • ॐ गुं गुरवे नम:

  • ॐ बृं बृहस्पतये नम:

  • ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:


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