Job Astrology: दफ्तर में होने वाली राजनीति यानी ऑफिस पॉलिटिक्स (Office Politics) खासकर उनके लिए एक बड़ी चुनौती है जिन्हें इसका सामना करना पड़ता है. इसका बुरा असर आपकी कार्यशैली, उत्पादक समय (Productive Time), कार्य क्षमता और प्रदर्शन पर पड़ता है.


ऐसी स्थिति आने पर कर्मचारियों को काम और पर्सनल लाइफ (Personal Life) के बीच बैलेंस बनाना भी मुश्किल हो जाता है. इसलिए ऑफिस पॉलिटिक्स (Office Politics) से बचना बहुत जरूरी है.


जानकारों के अनुसार ऑफिस पॉलिटिक्स के कई कारण बताए जाते हैं. लेकिन ज्योतिष (Astrology) के अनुसार इसमें ग्रहों (Planets) की भी अहम भूमिका होती है.


कुछ ग्रहों के कुंडली (Kundli) में अशुभ होने पर आप न चाहते हुए भी ऑफिस पॉलिटिक्स के शिकार हो जाते हैं. वहीं अगर ये ग्रह कुंडली के दशम भाव (Kundli 10th house) में हो तो ऐसी स्थिति में नौकरी भी खतरे में पड़ जाती है. कई बार ले-ऑफ (Lay Off) या छटनी (Retrenchment) का भी शिकार होना पड़ जाता है.


कुंडली के दशम भाव का नौकरी से संबंध (Kundli 10th House)


जॉब (JOB) को लेकर कुंडली का दशम भाव जरूरी होता है. क्योंकि कुंडली का 10वां भाव (10th House) करियर, कारोबार और आजीविका से जुड़ा होता है.


इसलिए इसे 'कर्म भाव' भी कहा जाता है. कुंडली के इसी भाव से यह पता चलता है कि आपके लिए कौन सा क्षेत्र बेहतर होगा, आपकी नौकरी कैसी चल रही है, नौकरी में क्या परेशानियां आ रही है और किन ग्रहों के कारण आ रही है. क्योंकि कुंडली के इसी भाव में बैठे कुछ ग्रहों का प्रभाव आपके जॉब पर पड़ता है.



  • सूर्य (Sun) को ग्रहों बॉस (Boss) यानी राजा कहा जाता है. सूर्य की कृपा से ही नौकरी, करियर या कारोबार में तरक्की संभव है. जिस तरह ऑफिस में बॉस अगर आपके काम से खुश रहें तो काम बढ़िया चलता है, उसी तरह से कुंडली में सूर्य की स्थिति शुभ और मजबूत होने पर कर्म भाव मजबूत रहता है. कुंडली के दशम भाव सूर्य के पीड़ित होने पर आप ऑफिस पॉलिटिक्स के शिकार हो सकते हैं, कार्यक्षमता और कार्य कुशलता में कमी आने लगती है. इस तरह आपकी नौकरी पर भी तलवार लटकने लगती है.

  • कुंडली के दशम भाव में यदि राहु (Rahu) और सूर्य की युति (Rahu-Sun Yuti) हो या फिर राहु के ग्रिप में सूर्य पूरी तरह से आ जाए तो इससे आपको अपने काम को लेकर बहुत सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि यह युति आपके कार्यक्षेत्र को प्रभावित करती है. ऐसी स्थिति होने पर धन, पद-प्रतिष्ठा और सेहत संबंधी समस्याएं भी होती है.

  • दशम भाव में केतु (Ketu) के नकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति क्रोधी, गैरजिम्मेदार और कर्तव्य पथ से विमुख होने लगता है, जिस कारण कार्यक्षेत्र में भी तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है.


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