Shri Krishna Janmashtami 2025: हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हम सब मिलकर बड़े प्यार और भक्ति से जन्माष्टमी मनाते हैं. इस दिन घर-घर में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से होता है. लोग मंदिर सजाते हैं, झूला लगाते हैं, और कान्हा जी को तरह-तरह के श्रृंगार से सजाते हैं. अगर आप भी इस बार अपने घर के मंदिर को सजाने की सोच रहे हैं, तो कुछ छोटे-छोटे सुझाव आपके काम आ सकते हैं.

1. कान्हा जी की चौकी की दिशा: जन्माष्टमी के दिन अगर आप लड्डू गोपाल की चौकी सजाते हैं, तो कोशिश करें कि उसे उत्तर दिशा में रखें. यह दिशा शुभ मानी जाती है. अगर उत्तर दिशा संभव न हो, तो पूर्व दिशा भी ठीक है. माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और माहौल सुखमय रहता है.

2. मूर्ति का आकार: अगर आप नए लड्डू गोपाल ला रहे हैं, तो ध्यान रखें कि उनकी प्रतिमा बहुत बड़ी न हो. घर में बहुत बड़ी मूर्ति रखना शुभ नहीं माना जाता. 2 से 3 इंच की प्यारी-सी मूर्ति सबसे अच्छी मानी जाती है. कहते हैं, लड्डू गोपाल की सेवा और पूजा करने से जीवन में तरक्की आती है.

3. झूले की दिशा: कान्हा जी को झूला झुलाते समय यह ध्यान रखें कि आपका चेहरा उत्तर दिशा की ओर हो. यह भी एक शुभ संकेत माना गया है.

4. सजावट के रंग: मंदिर सजाते समय कोशिश करें कि लाल, हरा, पीला और गुलाबी जैसे उजले और खुशियों से भरे रंगों का इस्तेमाल करें. काले रंग से बचें, क्योंकि इसे पूजन में शुभ नहीं माना जाता.

5. बांसुरी और मोर पंख: भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी और मोर पंख बेहद प्रिय हैं. जन्माष्टमी के दिन इन्हें उनके श्रृंगार में जरूर शामिल करें. परंपरा है कि कान्हा जी के दाएं हाथ में बांसुरी रखी जाती है.

जन्माष्टमी का दिन केवल सजावट या नियमों का पालन करने के लिए नहीं, बल्कि अपने मन को भक्ति और प्रेम से भरने का समय है. जिस भावना से आप कान्हा जी को सजाएंगे और पूजा करेंगे, वही उनके चरणों में सबसे बड़ा अर्पण होगा.

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