Holi Starting Date 2021: होलाष्टक पंचांग के अनुसार 22 मार्च से आरंभ हो रहे हैं. होलाष्टक होली से आठ दिन पूर्व आरंभ होते हैं. इसी कारण इसे होलाष्टक कहा जाता है. फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी की तिथि से होलाष्टक आरंभ हो रहे हैं.


होलाष्टक पर ग्रहों की स्थिति
होलाष्टक पर ग्रहों की चाल सभी 12 राशियों को प्रभावित कर रही है. पंचांग के अनुसार ग्रहों की अधिपति सूर्य देव मीन राशि में शुक्र के ग्रह के साथ विराजमान रहेंगे. इसके साथ ही न्याय के देवता शनिदेव देव गुरु बृहस्पति के साथ युति बनाकर मकर राशि में रहेंगे. इसके साथ ग्रहों के राजकुमार बुध ग्रह कुंभ राशि में रहेंगे. चंद्रमा इस दिन मिथुन राशि में रहेगा.


वृष राशि में अंगारक योग
होलाष्टक पर वृषभ राशि में मंगल और राहु की युति से अंगारक योग का निर्माण हो रहा है. वहीं केतु वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र में अंगारक योग को खतरनाक योग माना गया है. अंगारक योग के दौरान क्रोध, विवाद और दूसरों का अनादर करने से बचना चाहिए. इस दौरान वाहन और अग्नि का सावधानी पूर्वक प्रयोग करना चाहिए.


28 मार्च को होलाष्टक होंगे समाप्त
होलाष्टक का समापन होलिका दहन वाले दिन होगा. 28 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा. इस दिन पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. पूर्णिमा की तिथि में ही शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट होलिक दहन का मुहूर्त बना हुआ है. रंगों की होली 29 मार्च सोमवार को प्रतिपदा तिथि में खेली जाएगी.


होलाष्टक में नहीं किए जाते हैं ये कार्य
होलाष्टक में शुभ और मांगलिक कार्यों को वर्जित माना गया है. होलाष्टक के दौरान घर में कोई नई चीज खरीदकर नहीं लाई जाती है. घर खरीदना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, भूमि पूजन आदि जैसे भी कार्य नहीं किए जाते हैं. होलाष्टक में भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए.


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