Hindu Nav Varsh 2023 Prediction: सौरमण्डल में युवराज का स्थान प्राप्त, आध्यात्मिक शक्ति के प्रतीक नौ ग्रहों में चौथे ग्रह बुध 22 मार्च 2023 को चैत्र माह के शुक्लपक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन अगला विक्रमी सम्वत् 2080 प्रारंभ होगा.


इसमें सौरमण्डल के ग्रहों की शासन व्यवस्था के लिए बुध राजा पद पर, मंत्री पद पर शुक्र आसीन होंगे और अन्य आठ विभागों में सस्येश का सूर्य, धान्येश का शनि, मेघेश का गुरु, रसेश का मंगल, नीरसेश का सूर्य, फलेश का गुरु, धनेश का सूर्य तथा दुर्गेश का गुरु को व्यवस्था का कार्यभार प्राप्त हुआ है.



इसमें यानी इस सम्वत् में खासतौर पर मंगलवार 17 जनवरी माघ कृष्ण पक्ष की दशमी, विशाखा नक्षत्र में शनि अपने ही स्वामित्व की राशि कुंभ में प्रवेश हो चुके हैं और इस सम्वत् की अवधि में शनि फिर बुध के वक्री होने से ‘थोड़ी खुशी लेकिन ज्यादा गम‘ यानी विश्व के कई देशों पर संकट, क्षति, आपदाओं यहां तक कि युद्धोन्माद भी होना सर्वाधिक चिंतित कर सकता है. भारत के विश्वस्तरीय ज्योतिषज्ञ, भविष्यज्ञाता गुरुदेव सुरेश श्रीमाली जी दो माह पूर्व ही इसकी जानकारी देकर विश्व को सावधान कर चुके हैं, जिसे रूस, अमेरिका, जापान, इटली आदि कुछ देशों के विज्ञान शोधकर्ताओं आदि ने गंभीरता से जाना है.


इसमें जातिवादी हिंसा, सीमाओं पर तनाव, गोलाबारी, आतंकी घटनाओं, तूफान, प्राकृतिक प्रकोप, भूचाल, आग, कई जगह उथल-पुथल, कई दुर्भाग्यपूर्ण क्षतिकारक घटनाओं, आदि होने का पूर्ण संकेत विशेष है. भारत में भी सत्ता के लिए चुनावों में उग्रता से टकराव, कुछ राज्यों में अशांति, आक्रोश, हिंसा, अनर्गल आरोपों के कीचड़ उछालने आदि के बारे में गुरुदेव सुरेश श्रीमाली अपना अंदेशा पहले ही व्यक्त कर चुके हैं.


ज्योतिषीय ज्ञान और शोध के आधार से खगोलीय विज्ञान के अनुसार वह सच जाने जो स्पष्ट है. सम्वत् 2080 का राजा बुध, मंत्री पद पर राक्षसों के आचार्य शुक्राचार्य शुक्र के होने, षष्ठेश मंगल का अष्टम में होने, शनि में मंगल का नवम-पंचम योग होने तथा वर्ष 2004 के बाद 19 वर्षों के अंतराल से इस सम्वत् में दो श्रावण माह होने के कारण कई अशुभ, उत्पात, आतंकवादियों द्वारा विस्फोट हिंसा, अग्निकाण्ड, घरेलू फसाद, उपघात, चक्रवात, तूफान, राजनीतिक दलों में विशेष तोड़-फोड़, भूस्खलन, स्पर्शजनित तथा ज्वरादि गंभीर रोग, जन-धन की क्षति आदि से कई देश दुष्प्रभावित होंगे. आतंकियों की घुसपैठ, तनाव होने के बावजूद भारत अपनी सीमा सुरक्षा स्वयं करेगा.


इस बार बुधवार 22 मार्च के दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से ‘पंचक‘ रहते अगला पिंगल नामक विक्रमी सम्वत् 2080 प्रारंभ हो रहा है. इस दिन प्रातः सूर्योदय तक ही सर्वार्थ सिद्धि योग है. सूर्य, बुध, गुरू मीन राशि में, शनि कुंभ राशि में, मंगल मिथुन राशि में, शुक्र, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में होंगे. विशेष उल्लेखनीय यह कि इस सम्वत् में आकाशीय ग्रहों के शासकीय मंत्रीमंडल में राजा के पद पर आरूढ़ बुध सर्वाधिक संख्या में इधर-उधर राशिस्थ होते, कभी अस्त कभी उदित होने के साथ-साथ मेष, सिंह तथा धनु राशि में वक्री होकर कभी गरम तो कभी ठंडे मिजाज का प्रभाव दिखाएंगे. विश्व के कई भागों में, वहां के देशों में अशुभ, संकट कहीं प्राकृतिक प्रकोप, कहीं टकराव-युद्धोन्माद, कहीं जन-धन की क्षति होने तथा कुछ भागों के देशों में शांति रहने के भी योग हैं. भारत में सत्ता के लिए राजनीतिक-दलीय संघर्ष मर्यादाओं की सीमाओं को तोड़ते, टकराव में उग्रता बढ़ते देखा जा सकता है. आतंकियों द्वारा सेंधमार कर आने, अपनी हिंसात्मक, विस्फोटक गतिविधियों के बढ़ाने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता.


दिसंबर महीने में अग्निकांड, उपघात से जन-धन की हानि, दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्रों में उपद्रव उत्पात-प्राकृतिक घटनाऐं, पंजाब-हरियाणा-दिल्ली, राजस्थान पश्चिमोत्तर की जनता प्राकृतिक आपदा, अपराध वृद्धि से परेशान होने के अलावा भी उत्तरार्ध में कई भयावह समुद्री घटना घट सकती है. इसके अलावा भी उत्तरांचल, महाराष्ट्र, आसाम, मणिपुर, उड़ीसा, जम्मू, कश्मीर, बिहार, छत्तीसगढ़ में आतंकी घटनाओं से जन-धन की हानि के योग हैं. कुछ प्रांतों में प्राकृतिक आपदा से भयंकर जन-धन की हानि हो सकती है. अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका तथा श्रीलंका आदि दक्षिणी गोलार्ध में जन उपद्रव, कलह तथा शासकों में आपसी तनावकारी वातावरण रहेगा. दक्षिणी पश्चिमी प्रांतों में प्राकृतिक भूकंप, तूफान तथा चक्रवात आदि घटनाओं से क्षति होना लगता है.


भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषज्ञ, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भविष्यवाणियों से विश्वस्तता, सत्यता, प्रतिष्ठा प्राप्त गुरुदेव सुरेश श्रीमाली वर्ष 2023 के भविष्य तथा राशिफल में स्पष्ट बता चुके हैं कि इस वर्ष युद्ध की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. सीमा प्रांतों में युद्ध, घुसपैठ आदि से जन-धन की हानि संभव है. विश्व में बने युद्ध के हालात में हथियारों की होड़ को बढ़ावा मिलेगा तो युद्ध जैसे हालात महंगाई की आग में घी का काम करेंगे. वर्ष 2023 में अनेक सफेदपोश बेनकाब होंगे. कई क्षेत्रों में प्रतिष्ठित लोगों की गैर कानूनी तथा देश विरोधी गतिविधियों का भंडाफोड़ होगा. साथ ही आने वाले वर्ष में गूढ़ तथा दिव्य विद्याओं यानी वेद, आयुर्वेद, ज्योतिष, अध्यात्म का प्रचार प्रसार होगा तथा इन पर शोध तथा अनुसंधान के द्वार खुलेंगे.


गुरुदेव सुरेश श्रीमाली के अनुसार सम्वत् 2080 में भी बेलगाम महंगाई पर नकेल कसने की संभावनाएं नहीं दिखाई दे रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास यात्रा का रथ नहीं रूकेगा, देश में विकास कार्य जारी रहेंगे लेकिन विश्व में राजनीति तथा अर्थव्यवस्था में गिरावट के साथ बढ़ती महंगाई, मुद्रा का अवलमूल्यन, नए करों तथा बढ़ते दंगों के कारण विकास धुंधला होता नजर आएगा. साथ ही पड़ोसी देशों के साथ युद्ध की आशकाएं भी खड़ी हो सकती है. भारत अधिकृत कश्मीर को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया जा सकता है.


श्रीमाली इस आशंका से चेताते हैं कि चन्द्र माघ मास से फाल्गुन मास के मध्य पांच शनिवार तथा पांच रविवार तथा पांच मंगलवार होने के कारण सम्वत् 2080 में खप्पर योग का निर्माण हुआ है. खप्पर योग से विश्व तथा भारत के किसी राज्य के छत्रभंग यानी राज्य सत्ता में परिवर्तन, युद्ध या किसी प्रमुख नेता के अपदस्थ होने या आकस्मिक मृत्यु के योग बनते हैं, यह योग पेट्रोल-डीजल के भावों में वृद्धि तथा जल-प्रलय के भी संकेत देता है. धान्येश शनि होने तथा कर्कोटक नामक नागराज होने से भी किसी राजनेता की आकस्मिक मृत्यु की आशंका बनी है.


श्रीमाली ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस सम्वत् के राजा जब बुध होते हैं तो उस वर्ष पृथ्वी पर वर्षा अच्छी होती है. घर-घर में विवाह आदि मांगलिक कार्य तथा उत्सव अधिक होते हैं. लोगों में दान-दया तथा धार्मिक कार्यों में प्रवृत्ति बढ़ती है. स्वास्थ्य के प्रति भी आमजन में चेतना तथा जागरूकता आती है. इस सम्वत् की अवधि में सत्ता पक्ष की ओर से किसी विशेष वर्ग को प्रसन्न करने के लिए लोकप्रिय तथा लोक लुभावन घोषणाएं की जाएंगी. व्यापारियों को भी विशेष सुविधाएं दी जाएंगी हालांकि इनका कोई विशेष लाभ नहीं हो पाएगा. संतों तथा मंहतों का वर्चस्व बढ़ेगा. आयुर्वेद, ज्योतिष, वेद, योग, प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों का प्रचार प्रसार बढ़ेगा. यानी हमारी दिव्य तथा गूढ़ विद्याओं का विस्तार होने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे.


सभी ग्रहों का प्रभाव, योग, चलन शुभ होता है तो अशुभ कष्ट कारक भी. इससे सभी राशियों का सम्बंध है तो जातकों का भी. अस्त-उदय, वक्री-मार्गी, नक्षत्रों के सभी चरणों तथा राशियों में ग्रहों का प्रवेश-भ्रमण, गतिशील होने की स्थिति सभी को प्रभावित करती है. इस सबका विश्लेषण, विश्व-देशों, राशियों, जातकों तथा भविष्य की जानकारी देने में ज्योतिष, शास्त्र, इसके विशेषज्ञाता, अनुभवी, विश्वस्त, विद्वान ही समर्थ है.


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