Gandhi Jayanti 2025: महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की हत्या 30 जनवरी 1948 में हुई थी. नाथूराम गोडसे ने गांधी जी के सीने में तीन गोलियां दागी थी.

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गोली मारने से पहले नाथूराम गोडसे ने गांधी जी के पैर छुये और इसके बाद पिस्तौल निकालकर गोलियां चला दीं.

गांधी जी के मरने से पहले जो अंतिम शब्द थे, वो 'हे राम' थे. ये घटना दिल्ली में घटित हुई थी. सूरज ढल रहा था रात हो रही थी.

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गांधी की हत्या होगी, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. लेकिन दिल्ली से कोसों दूर बैठा एक भविष्यदर्शी इस बात को जानता था कि गांधी मरेंगे नहीं बल्कि उनकी हत्या होगी.

दिल्ली (Delhi) से दूर बैठा ये शख्स कोई मामूली व्यक्ति नहीं था. देश को आजादी दिलाने में इनका विशेष योगदान था. अंग्रेज भी इनसे भय खाते थे.

देश को आजादी मिली तो आजाद भारत (Independent India) की कुंडली इन्होने ही बनाई. आजादी का शुभ मुहूर्त निकालने वाले यही थे.

देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने इनसे ही आजादी का मुहूर्त निकलवाया था. इनके बताए मुहूर्त में ही देश आजाद हुआ और देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शपथ ली थी.

इस विद्वान भविष्यवक्ता का नाम पंडित सूर्य नारायण व्यास था. पंडित सूर्य नारायण व्यास एक ज्योतिषाचार्य ही नहीं थे, बल्कि स्वतंत्रता सैनानी, लेखक, पत्रकार, इतिहासकार भी थे.

इसके साथ ही वे पंड़ित जवाहरलाल नेहरु, सरदार वल्लभभाई पटेल और महात्मा गांधी के ज्योतिष सलाहकार भी थे. ये सभी पंडित सूर्य नारायण व्यास का बेहद आदर किया करते थे.

देश जब आजाद नहीं हुआ था. उससे पहले ही सूर्य नारायण व्यास ने भारत की आजादी की भविष्यवाणी कर दी थी. देश तो 1947 में अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ, लेकिन सूर्य नारायण व्यास ने 1930 में ही देश की स्वतंत्रता की भविष्यवाणी कर दी थी.

सूर्य नारायण व्यास ने ही महात्मा गांधी की हत्या की भी भविष्यवाणी (Prediction) की थी. जो आगे चल कर सच साबित हुई.

गांधी जी की मृत्यु से पहले ही इन्होंने कह दिया था कि- 'गांधी मरेंगे नहीं, उनकी हत्या होगी'. सूर्य नारायण व्यास भारत के ऐसे विद्वान हैं जिन्होने आजादी के बाद वैदिक ज्योतिष का मान और विश्वसनीयता बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाई है. पाकिस्तान को लेकर इनकी भविष्यवाणी भी सच साबित हुई थी.

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