Grahan Yoga In Taurus: वृषभ राशि में राहु का गोचर बना हुआ है. यानि पाप ग्रह राहु इस समय वृषभ राशि में विराजमान है. राहु को जीवन में होने वाली घटनाओं का कारक माना गया है. ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक रहस्मय ग्रह माना गया है. कलियुग में इस ग्रह को अत्यंत प्रभावी माना गया है. राहु के बारे में ऐसा भी माना जाता है कि ये किसी भी व्यक्ति को राजा से रंक और रंक से राजा बनाने की क्षमता रखता है.


चंद्रमा से है राहु की शत्रुता
राहु की चंद्रमा से शत्रुता है. इसी कारण जब चंद्रमा जब राहु के संपर्क में आता है तो ग्रहण योग बनता है. पौराणिक कथा के अनुसार राहु के कारण चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है. राहु और केतु, ये दोनों ही पाप ग्रह माने गए हैं. इन दोनों ग्रहों के कारण ही सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है.


वृषभ राशि में चंद्रमा का गोचर
पंचांग के अनुसार 25 सितंबर 2021, शनिवार को शाम 06 बजकर 17 मिनट पर चंद्रमा वृषभ राशि में प्रवेश करेगा. जहां पर राहु पहले से ही विराजमान है. राहु के संपर्क में आते ही ग्रहण योग की स्थिति बन जाएगी. ग्रहण योग के दौरान वृषभ राशि के साथ, मिथुन, कर्क, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. 28 सितंबर 2021 तक ग्रहण योग रहेगा.


'ग्रहण योग' का फल
ग्रहण योग जब बनता है व्यक्ति को कुछ मामलों में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इस दौरान व्यक्ति को तनाव, क्रोध और पूंजी का निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण की स्थिति में लव रिलेशन के भी प्रभावित होने का खतरा बना रहता है. इस दौरान व्यक्ति को अज्ञात भय की स्थिति भी सताने लगती है. ग्रहण योग के प्रभाव से बचने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. शिव मंत्रों का जाप करना चाहिए. दान आदि का कार्य भी कर सकते हैं. अहंकार और क्रोध से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. भ्रम की स्थिति नहीं बनने देनी चाहिए.


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