Dussehra 2021: वैसे तो अक्टूबर माह में कई ग्रहों में बदलाव होने वाला है. जहां 11 अक्टूबर को शनि मार्गी (Shani Margi 2021) हुए हैं, वहीं दशहरा के 3 दिन बाद यानी 18 अक्टूबर 2021 दिन सोमवार को बुध और देवगुरु बृहस्पति अपनी चाल बदलेंगे. ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, बुध और गुरु बृहस्पति वक्री अवस्था में हैं. हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में सौम्य ग्रह माने जाने वाले बुध 27 सितंबर 2021, सोमवार को आश्विन मास की षष्ठी तिथि को प्रात: 10 बजकर 40 मिनट पर वक्री हुए थे. अब वे दशहरा पर्व के बाद 18 अक्टूबर 2021 को कन्या राशि में मार्गी होने जा रहे हैं.


वहीं देव गुरु बृहस्पति 20 जून 2021 को कुंभ राशि में वक्री हुए थे. पंचांग के अनुसार, अब वे 18 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को करीब 120 दिन बाद मकर राशि में मार्गी होने जा रहें हैं.


बुध ग्रह का स्वभाव (Mercury)


ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को संचार, कानून, वाणी, तर्क शास्त्र, वाणिज्य, लेखन, पत्रकारिता और बुद्धि का कारक ग्रह बताया गया है. इनका स्वभाव सौम्य है.


गुरु का स्वभाव (Jupiter)


ज्योतिष शास्त्र में गुरु को देव गुरु बृहस्पति भी कहा गया है. इन्हें शुभ ग्रहों की श्रेणी में रखा जाता है. देव गुरु बृहस्पति लोगों के शुभकारक कहे गए है. कुंडली में इनकी उच्च स्थिति होने पर ये लोगों का कल्याण करते हैं. बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी बताया गया है. गुरु को संबंध ज्ञान, उच्च पद, उच्च शिक्षा, संतान, विवाह, धर्म, दान आदि से भी है.


18 अक्टूबर से इन लोगों को होगा लाभ ही लाभ


ज्योतिष के अनुसार दोनों ग्रहों बुध और गुरु के मार्गी होने से शुभता में वृद्धि होगी. इन दोनों ग्रहों का संबंध ज्ञान से होने के कारण शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों विशेष कर स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा. उनकी शिक्षा में सुधार होगा परीक्षा का परिणाम सकारातमकता की ओर ले जायेगा. जो स्टूडेंट्स किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें अच्छे फल प्राप्त हो सकते हैं. इसके अलावा इसका लाभ वकील, लेखक, व्यापारी, अध्यापक आदि को भी मिल सकता है.


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