चैत्र माह 29 मार्च 2021 से आरंभ हो रहा है. यह माह 27 अप्रैल तक रहेगा. इस दौरान विद्वतजनों से मिश्री अर्थात् मीठी वस्तुओं के सेवन को निषेध बताया है. होलिका दहन के अगले दिन यानि रंगोत्सव के दिन से चैत्र माह आरंभ हो रहा है. इस दिन से आगामी पूरे चैत्र माह में गुड़, मिश्री, शक्कर और अन्य मीठे पदार्थाें का सेवन से बचना चाहिए.


कारण, यूं तो हर भोज्य पदार्थ में मिठास का कुछ प्रतिशत होता है लेकिन चैत्र माह में इसका असर कुछ अधिक प्रभावित करता है. ऐसे में अतिरिक्त मीठी वस्तुओं का प्रयोग हानिकर होता है. इस माह में कड़वी और कषैली वस्तुओं का प्रयोग अधिक करना हितकर बताया गया है. नीम के पत्ते आदि का सेवन शरीर में वात-पित्त-कफ का संतुलन बेहतर बनाए रखता है.


मीठे के साथ़ खट़ठे फलों का भी अधिक सेवन इस माह में नहीं करना चाहिए. यह महीना कर्क रेखा क्षेत्र विशेषतः भारत में ग्रीष्म और सर्द ऋतु का संधिकाल होता है. ऐसे में कम और संतुलित भोजन लेना श्रेयष्कर है. इसी माह के शुक्ल पक्ष में नवरात्रि का शक्ति पर्व आता है. इसमें व्रत संकल्प साधना से शक्ति का संचय किया जाता है.


यही कारण है कि होली के पर्व में मिठाई की अपेक्षा नमकीन पकवान अधिक बनाए जाते हैं जबकि दिपावली के दौरान मिठाईयां अधिक बनाई जाती हैं. चैत्र का महीना संधिकाल का माह होने से रक्त चाप के असंतुलन को भी बढ़ाता है. इस माह में दिन में गर्मी और रात में सर्दी की अधिकता रहती है. ऐसे में शरीर को दैहिक तापमान के संतुलन के लिए अतिरिक्त प्रयास भी करना पड़ता है.