Diwali 2021: हिंदू धर्म में दिवाली के पर्व का विशेष महत्व है. दिवाली का पर्व सुख-समृद्धि का प्रतीक है. इस दिन लक्ष्मी जी की विशेष पूजा की जाती है. शास्त्रों में लक्ष्मी जी को धन के साथ वैभव की भी देवी माना गया है. 


दिवाली के पर्व से एक माह पूर्व ही इस त्यौहार की तैयारियां शुरू हो जाती हैं. माना जाता है कि इस दिन लक्ष्मी जी का आगमन होता है. इसलिए घरों की विशेष साफ-सफाई की जाती है. पकवान बनाए जाते हैं. नए वस्त्र पहनकर लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है.


दिवाली का पर्व कब है?
पंचांग के अनुसार दिवाली का पर्व, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार 04 नवंबर 2021 गुरुवार को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि है. इस दिन दिवाली का पर्व मनाया जाएगा.


तुला राशि में ग्रहों का गोचर
दिवाली पर तुला राशि में विशेष हलचल देखने को मिल रही है. इस दिन एक साथ चार ग्रहों की युति बन रही है. तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं. लक्ष्मी जी की पूजा से शुक्र ग्रह की शुभता में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को लग्जरी लाइफ, सुख-सुविधाओं आदि का कारक माना गया है. दिवाली पर तुला राशि में सूर्य, बुध, मंगल और चंद्रमा मौजूद रहेंगे. ज्योतिष शास्त्र सूर्य को ग्रहों का राजा, मंगल को ग्रहों का सेनापति और बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. इसके साथ ही चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. वहीं सूर्य पिता तो चंद्रमा को माता कारक माना गया है.


दिवाली 2021, शुभ मुहूर्त
दिवाली: 4नवंबर, 2021, गुरुवार
अमावस्या तिथि प्रारम्भ: नवंबर 04, 2021 को प्रात: 06:03 बजे से.
अमावस्या तिथि समाप्त: नवंबर 05, 2021 को प्रात: 02:44 बजे तक.
दिवाली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: शाम 06 बजकर 09 मिनट से रात्रि 08 बजकर 20 मिनट
अवधि: 1 घंटे 55 मिनट
प्रदोष काल: 17:34:09 से 20:10:27 तक
वृषभ काल: 18:10:29 से 20:06:20 तक


दिवाली पर निशिता काल मुहूर्त
निशिता काल: 23:39 से 00:31, नवम्बर 05
सिंह लग्न: 00:39 से 02:56, नवम्बर 05


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