आज मुंबई से आई एक खबर ने लाखों लोगों को चौंका दिया. सोशल मीडिया पर अचानक यह खबर फैल गई कि बॉलीवुड के एक दिग्गज अभिनेता का निधन हो गया है. कुछ ही घंटों में यह अफवाह आग की तरह फैल गई, लेकिन परिवार ने तुरंत स्पष्ट किया कि यह खबर पूरी तरह झूठी है.

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लेकिन सवाल यह उठता है कि शास्त्रों के अनुसार, जब किसी जीवित व्यक्ति की मौत की झूठी खबर फैले तो उसका अर्थ क्या होता है? क्या यह केवल अफवाह है या इसमें कोई ज्योतिषीय या शकुनशास्त्रीय संकेत भी छिपा होता है?

शास्त्र ऐसी स्थिति पर क्या कहते हैं?

प्राचीन ग्रंथों में एक अद्भुत श्लोक मिलता है 'यत्र मृत्युभ्रमो जातः तत्र आयुः वर्धते.' अर्थात जहां मृत्यु का भ्रम फैलता है, वहां व्यक्ति की आयु बढ़ती है या उसका जीवन किसी संकट से बच निकलता है.

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एक अन्य श्लोक में इसी तरह से वर्णन मिलता है 'मृत्युसंकेत अपवादे जीवने बलेन संयुज्यते.' जिसका अर्थ है कि मृत्यु की झूठी चर्चा से जीवन-बल लौट आता है. इस दृष्टि से इस तरह की झूठी खबर किसी नकारात्मक शकुन का नहीं, बल्कि संकट विमोचन और नवजीवन का संकेत मानी जा सकती है. 

शकुनशास्त्र के अनुसार, किसी जीवित व्यक्ति की झूठी मृत्यु-खबर तीन संभावनाएं बताती है-

  1. संकट का निवारण - यदि व्यक्ति बीमार है, तो मृत्यु का भ्रम बीमारी के टलने का संकेत है.
  2. लोकचर्चा में वृद्धि - व्यक्ति के प्रति जनता का भावनात्मक जुड़ाव फिर से जागृत होता है.
  3. जीवन का पुनर्संतुलन - यह चेतावनी भी होती है कि व्यक्ति को आगे से अपनी सेहत और दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए.

मृत्य से जुड़ी फेक न्यूज, बल्कि कर्मचक्र का संकेत कही जा सकती है. जब मृत्यु की अफवाह फैलती है और व्यक्ति जीवित रहता है, तो शास्त्र कहते हैं कि उसका पुनर्जन्म हो चुका. इसलिए यह नवजीवन और चेतना की वापसी का प्रतीक भी होता है. शास्त्र भी कहते हैं कि 'मृत्युभ्रमः नाशयति मृत्युभयं.' अर्थात मृत्यु का भ्रम, मृत्यु के भय को नष्ट कर देता है.

इसलिए इसतरह की अफवाह को कुछ लोग अशुभ नहीं बल्कि शुभ शकुन की तरह भी देखते हैं क्योंकि यह संकेत है कि उनका संकट टल चुका है, और जीवन की लौ फिर से प्रज्वलित हो चुकी है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.