Jyotish Vidya: आईएएस बनाने में व्यक्ति की जन्म कुंडली में बैठे ग्रहों की भूमिका भी अहम होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की जन्म कुंडली में यदि शुभ ग्रह मजबूत स्थिति में विराजमान हैं तो व्यक्ति को उच्च पद प्राप्त करता है. सिविल सर्विस में सफलता दिलाने में चार ग्रहों का सबसे बड़ा रोल माना गया है.


सिविल सर्विस में सफलता दिलाने वाले ग्रह
जन्म कुंडली में बृहस्पति, शुक्र, बुध और शनि ग्रह को सिविल सर्विस में सफलता दिलाने वाले प्रमुख कारक ग्रह माना गया है. इन ग्रहों की मजबूत स्थिति व्यक्ति को सिविल सर्विस में सर्वोच्च पद दिलाने में मदद करते हैं.


बृहस्पति ग्रह: ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति यानि गुरू को शिक्षा का कारक माना गया है. बृहस्पति ग्रह मजबूत होने से व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त करता है. सिविल सर्विस में शिक्षा का विशेष महत्व है. आईएएस की परीक्षा में हर विषय से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं, जिन्हे हल करने में बृहस्पति की अहम भूमिका होती है.


बुध ग्रह: आईएएस बनाने में बुध ग्रह का भी बड़ा योगदान होता है. बुध तार्किक क्षमता का प्रतीक है. प्रशासनिक सेवा में तर्क शक्ति और तत्काल निर्णय लेने की क्षमता का विशेष महत्व होता है. ये सब बुध ग्रह प्रदान करते हैं. बुध मजबूत होने में व्यक्ति तत्काल निर्णय लेने में सक्षम होता है और वार्तालाप से बड़ी से बड़ी समस्याओं को हल करने में मदद करता है.


शुक्र ग्रह: आईएएस सेवा देश की सबसे सर्वोच्च सेवा होने के कारण इसमें ग्लैमर भी है. यही वजह है कि इस सेवा में भाग लेने के लिए हर वर्ष बड़ी संख्या में युवा भाग लेते हैं. शुक्र का संबंध लाइफस्टाइल से है. शुक्र सुखों में वृद्धि करता है.


शनि ग्रह: आईएएस बनाने के बाद जनता के हितों के लिए कार्य करने पड़ते हैं. जनता का संबंध शनि से है. शनि की स्थिति यदि जन्म कुंडली में शुभ है और इस पर किसी अशुभ ग्रह की छाया नहीं है तो व्यक्ति आईएएस की परीक्षा में सफलता प्राप्त करता है.


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