Chandra Grahan 2021 In India Date And Time: जब भी ग्रहण की स्थिति बनती है तो इसे शुभ नहीं माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र ग्रहण को एक अशुभ घटना के तौर पर देखा जाता है. 'ग्रहण योग' को ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग माना गया है. इस योग का निर्माण तब होता है जब राहु और केतु जब चंद्रमा या सूर्य के साथ युति बनाते हैं. जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में 'ग्रहण योग' बनता है, उसका जीवन परेशानियों से भरा रहता है. व्यक्ति को तनाव और भ्रम की स्थिति बनी रहती है जिस कारण व्यक्ति को जॉब, बिजनेस और करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ता है.


19 नवंबर को लगने जा रहा है 'चंद्र ग्रहण'
वर्ष 2021 में लगने वाला आखिरी चंद्र ग्रहण विशेष माना जा रहा है. साल का आखिरी चंद्र 19 नबंवर 2021 को लगने जा रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन चंद्रमा, वृषभ राशि में विराजमान रहेगा. 


चंद्रमा है मन का कारक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. विज्ञान के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक है. चंद्रमा,पृथ्वी का एक उपग्रह है. चंद्रमा को पृथ्वी की 1 परिक्रमा पूर्ण करने में लगभग 27 दिन और 8 घंटे का समय लगता है. चंद्रमा जब अशुभ होता है या फिर इस पर ग्रहण की स्थिति बनती है तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, भ्रम, स्मरण शक्ति कमजोर होती है. इसके साथ ही मां की सेहत को भी हानि पहुंचाती है. 


उपछाया ग्रहण
ग्रहण के समय सूतक का विशेष ध्यान रखा जाता है. विशेष बात ये है कि नवंबर 2021 में लगने वाला चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण है. जिस के कारण सूतक काल प्रभावी नहीं होगा. सूतक नियमों का पालन तभी किया जाता है जब पूर्ण ग्रहण लगता है. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण को पेनुमब्रल भी कहा जा रहा है.


चंद्र ग्रहण का समय
पंचांग के अनुसार 19 नबंवर को लगभग 11 बजकर 30 मिनट पर चंद्र ग्रहण लगेगा और शाम 05 बजकर 33 मिनट पर ग्रहण समाप्त होगा. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान यात्रा आदि करने से बचना चाहिए, विवाद और कलह से दूर रहना चाहिए, इसके साथ ही गर्भवती महिला और बच्चों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ग्रहण के समय भगवान का स्मरण और भजन करना चाहिए.


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