Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य सफल शिक्षाविद,अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और राजनीतिज्ञ कहलाते हैं. चाणक्य विशेषकर अपनी नीतियों को लेकर काफी प्रसिद्ध हैं. नीति शास्त्र को लेकर चाणक्य ने कई बाते बताई हैं. जिसने जीवन में चाणक्य की इन नीतियों को अपना लिया समझिए उसका जीवन सफल हो गया.


चाणक्य जीवन में घटने वाली घटनाओं और इन घटनाओं से जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताते हैं. वैसे तो जीवन एक सिक्के के दो पहलू के जैसा है, जिसमें अच्छी-बुरी सभी तरह की घटनाएं घटित होती है. ना दुख सदैव रहता है और ना सुख स्थिर है.


लेकिन आचार्य चाणक्य ऐसी तीन अप्रिय घटनाओं के बारे में बताते हैं, जिससे पूरा जीवन तहस-नहस हो जाता है. ये घटनाएं ऐसी होती हैं, जिससे जीवन तो कष्टप्रद होता ही है, साथ ही इनका दर्द और दुख कभी कम नहीं होता. आइये जानते हैं इन घटनाओं के बारे में-




जमा पूंजी खो देना: जब किसी व्यक्ति के जीवनभर की जमा पूंजी खो जाती है तो उसके लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और कुछ नहीं हो सकता है. यह किसी व्यक्ति के लिए जीवन की सबसे बड़ी बुरी स्थिति होती है, जब वह अपने दिन-रात की कड़ी मेहनत से बनाए गए जमा पूंजी को एक पल में खो देता है. चाणक्य के अनुसार, गाढ़ी कमाई का हाथ से जाना सौभाग्य को पलभर में दुर्भाग्य में बदल सकता है.


जीवनसाथी का साथ छूटना: पति-पत्नी को जीवनसाथी कहा जाता है, इसका मतलब है जीवनभर का साथ. लेकिन जब जीवन में ऐसी स्थिति आती है, जब किसी एक का साथ छूट जाता है और सुखी जीवन में अचानक से दुखों का अंबार लग जाता है. इसके बाद बाकी बचे जीवन को गुजारना मुश्किल भरा हो जाता है.


दूसरे के घर पर निवास करना: चाणक्य के अनुसार जीवन में कभी ऐसी स्थिति आ जाए जब मजबूरी में किसी दूसरे के घर पर शरण लेनी पड़े या निवास करना पड़ा, तो यह भी दुर्भाग्य की स्थिति है. क्योंकि ऐसे में व्यक्ति दूसरे के घर आश्रित और निर्भर होकर रहता है. उसकी पूरी स्वतंत्रता चली जाती है. साथ ही ऐसी स्थिति आने पर व्यक्ति का मान-सम्मान सबकुछ खत्म हो जाता है.


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