Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की लिखी नीतिशास्त्र आज भी लोगों को जीवन, करियर और दिनचर्या को प्रेरित करती है. उनकी नीतियों का लोग आज भी अनुसरण करते हैं. आचार्य चाणक्य के मुताबिक व्यक्ति की कुछ आदतों के चलते उसका बुरा समय कभी पीछा नहीं छोड़ता है, ऐसे में ऐसी आदतों को जितना जल्दी हो सकें, त्याग देना ही श्रेयकर होगा.



  1. चाणक्य के मुताबिक पत्नी के निधन पर व्यक्ति दूसरी शादी कर सकता है. मगर पत्नी की मौत वृद्धावस्था में होने पर दुर्भाग्य का कारण बन सकता है. ऐसी अवस्था में विवाह दुख का कारण बन सकते हैं.

  2. चाणक्य कहते हैं कि हमें दूसरे पर निर्भर नहीं होना चाहिए. आश्रित जीवन नर्क समान है. शास्त्रों में भी दूसरों के सहारे जीवन जीने वाले व्यक्ति की किस्मत खराब मानी गई है. खुद की अजीविका और निर्णयों पर भरोसा कामयाबी की ओर ले जाता है.

  3. जो व्यक्ति खिजूलखर्ची करता है तो वह धन को कोई महत्व नहीं देता है. ऐसे व्यक्ति झगड़ालू और घमंडी होते हैं. ये किसी की इज्जत नहीं करते हैं. इनका नुकसान हो रहा होता है फिर भी इन्हें अनुमान नहीं होता है. आप में भी ये गुण है तो इसे त्यागना ही श्रेयकर होगा.

  4. कुछ गुण व्यक्ति में खुद विकसित होते हैं. ये कोई सिखा नहीं सकता है. किसी की मदद करना, सेवा करना या सही-गलत का फैसला करना. ऐसे गुण हैं, जिन्हें कोई नहीं सिखाता है. इसके लिए कभी किसी पर आश्रित न हों.

  5. जिसके मन में पाप-लोभ है वो उससे कितनी भी गहरी दोस्ती हो, समय आने पर असली रंग दिखा ही देगा. ऐसे लोगों से दूरी बनाकर ही रखने से खुद को दुखी होने से बचाए रख सकते हैं.


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