Chaitra Amavasya 2023 Snan Daan Time: हिंदू संवत्सर 2079 की आखिरी अमावस्या 21 मार्च 2023 को है. ये चैत्र अमावस्या, भूतड़ी अमावस्या कहलाएगी. इस बार चैत्र अमावस्या पर मंगलवार होने से भौमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा एक ही राशि में या एक-दूसरे के पास वाली राशि में स्थित होते हैं तो भौमावस्या का योग बनता है.

चैत्र अमावस्या पर गंगा, यमुना, शिप्रा, नर्मदा जैसी पवित्र नदियों में स्नान के बाद नदी किनारे ही जरूरतमंद लोगों को दान-पुण्य करना चाहिए. मान्यता है इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन खुशियों से खिल उठता है. इस साल भौमवती अमावस्या पर शनि देव को भी प्रसन्न करने का खास संयोग बन रहा है. आइए जानते हैं चैत्र अमावस्या पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और उपाय.

चैत्र अमावस्या 2023 मुहूर्त (Chaitra Amavasya 2023 Muhurat)

चैत्र अमावस्या तिथि शुरू - 21 मार्च  2023, प्रात 01:47

चैत्र अमावस्या तिथि समाप्त - 21 मार्च 2023, रात 10:53

    • स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 04.49 - सुबह 05.37
    • अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12.04 - दोपहर 12.53
    • अमृत काल मुहूर्त - सुबह 10.10 - सुबह 11.37
    • शुभ योग - 20 मार्च 2023, शाम 04 बजकर 21 - 21 मार्च 2023, प्रात: 12 बजकर 42
    • सर्वार्थ सिद्धि योग - 21 मार्च 2023, शाम 05 बजकर 26 - 22 मार्च 2023, सुबह 06 बजकर 23

भौमवती अमावस्य पर शनि देव की कृपा पाने का संयोग (Bhaumwati Amavasya Upay)

  • चैत्र अमावस्या के दिन मंगलवार होने से ये भौमवती अमावस्या कहलाएगी. शास्त्रों में अमावस्या के अधिपति शनि देव को माना गया है. इस साल चैत्र अमावस्या के दिन शनि स्वराशि कुंभ में अधिक बलवान रहेंगे. ऐसे में शनि देव अमावस्या पर शनि देव का तेल से अभिषेक करें और वृद्ध और रोगियों की सेवा करें. मान्यता है इससे साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव में कमी आती है, साथ ही शनि देव बेहद प्रसन्न होते हैं.
  • वहीं मंगलार और अमावस्या के संयोग में हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं. हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या हनुमान जी के मंत्रों का जप करे. कहते हैं बजरंगबली की पूजा से शनि के कष्टों से राहत मिलती है और जीवन में खुशहाली आती है. तरक्की के रास्ते खुलते हैं.
  • चैत्र अमावस्या के दिन सुबह शिवालय में शिवलिंग पर तांबे के लौटे से जल और चांदी के लौटे से दूध चढ़ाएं. भगवान को बिल्व पत्र, धतूरा, हार-फूल, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें. महामृत्युंजय मंत्र का यथाशक्ति जाप करें.अमावस्या पर शिव की पूजा से शनि की महादशा में कमी आती है.

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