Bagalamukhi Jayanti 2021: मां दुर्गा की पूजा जीवन में सुख समृद्धि प्रदान करती है. पंचांग के अनुसार 20 मई 2021 बृहस्पतिवार को अष्टमी की तिथि है. इस दिन माँ बगलामुखी जयंती भी है. हिंदू धर्म में सप्तमी, अष्टमी और नवमी की तिथि को मां दुर्गा की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. इन तिथियों का नवरात्रि में विशेष महत्व बताया गया है. मां दुर्गा की पूजा से सभी बाधा और कष्ट दूर होते हैं.

मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों को कष्ट से दूर रखती हैं. नवरात्रि के पर्व पर मां दुर्गा के सभी 9 स्वरूपों की विधि पूर्वक पूजा करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है. मां दुर्गा सभी 9 ग्रहों को नियंत्रित करने की शक्ति रखती है. मां दुर्गा की पूजा करने से सूर्य, मंगल, बृहस्पति, शुक्र, शनि, बुध, चंद्रमा, राहु और केतु की अशुभता दूर होती है. मां दुर्गा की पूजा से मंगल दोष, शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या और राहु-केतु से बनने वाला कालसर्प दोष आदि दूर होता है.

मां दुर्गा का नर्वाण मंत्र का जाप करेंमां दुर्गा को समर्पित नर्वाण मंत्र को चमत्कारी मंत्र माना गया है. नर्वाण का अर्थ 9 अक्षर. क्योंकि इस मंत्र में 9 अक्षर आते हैं. इस मंत्र का प्रत्येक अक्षर एक ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. यह मंत्र सभी ग्रहों की अशुभता को दूर करता है. इसलिए नर्वाण मंत्र का जाप करना चाहिए-

ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे

नर्वाण मंत्र का महत्वनवार्ण मंत्र का पहला अक्षर ऐं है. इससे सूर्य को शुभ बनाया जाता है. 'ऐं' का संबंध मां शैलपुत्री से है. नवार्ण मंत्र का दूसरा शब्द 'ह्रीं' है जो मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है. तीसरा अक्षर 'क्लीं' है, चौथा अक्षर 'चा', पांचवां अक्षर 'मुं', छठा अक्षर 'डा', सातवां अक्षर 'यै', आठवां अक्षर 'वि' तथा नौवा अक्षर 'चै' है. ये अक्षर मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु तथा केतु ग्रहों की अशुभता को दूर करता है.

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