ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक राहु को बुरा और अशुभ ग्रह माना गया है. कुंडली में राहु के अशुभ भाव में होने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. राहु और केतु का संयोग कालसर्प योग बनाता है. हम आपको बताते हैं कि राहु के प्रभाव, इसके अन्य ग्रहों के साथ युति बनाने पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे मेंं...

व्यक्ति के घर-परिवार में कलह का होना, अचानक शत्रुओं की संख्या बढ़ना. आर्थिक नुकसान होना, घर में रखें सामान खराब होना, कुंडली में राहु के खराब होने के संकेत हैं.

किसी की कुंडली में राहु जब अशुभ प्रभाव डालता है तब व्यक्ति को अपमान सहना पड़ता है.  राहु के अशुभ प्रभाव से असफलता मिलने लगती है.  व्यक्ति नशा करने लगता है. नैतिकता में लगातार गिरावट होने लगती है.

राहु के अन्य ग्रह  के युति बनने पर पड़ने वाले प्रभाव

राहु और सूर्य राहु और सूर्य नकारात्मक प्रभाव पैदा करता है. सूर्य और राहु की युति से पिता और पुत्र में विवाद पैदा होने लगता है. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान राहु सूर्य को ग्रास करता है.

राहु और चंद्रमा राहु और चंद्रमा की जब युति से व्यक्ति को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस युति से जिन जातकों की कुंडली में असर होता है उसका प्रभाव पड़ता है.

राहु और मंगल राहु और मंगल की युति होने पर अंगारक योग का निर्माण होता है. इस योग के निर्माण से प्रभावित जातकों को खून से संबंधित परेशानियां बढ़ती हैं. यह योग भाई के लिए अशुभ रहता है.

राहु और बुध राहु और बुध की युति होने से व्यक्ति को सिर से संबंधित बीमारियां होने लगती है.

राहु और गुरु राहु और गुरु की युति से शुभ और अशुभ दोनों तरह के पड़ते हैं. राहु और गुरु की युति बनती है तब व्यक्ति की आयु लंबी होती है. लेकिन जीवन में छोटी-छोटी परेशानियां बनी रहती है.

राहु और शुक्र राहु की युति शुक्र ग्रह के साथ बनने पर शुक्र का शुभ प्रभाव राहु के कारण समाप्त हो जाता है. शुक्र ग्रह के साथ राहु की युति होने पर व्यक्ति गलत संगति का शिकार बन जाता है.

राहु और शनि जिन व्यक्तियों की कुंडली में राहु और शनि की युति बन जाती है तब ऐसा व्यक्ति गलत तरीके से पैसे कमाना शुरू कर देता है.

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