Ashlesha Nakshatra: ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र (Nakshatra) होते हैं. आश्लेषा नक्षत्र नौवाँ नक्षत्र है.आश्लेषा नक्षत्र से संबंधित देवता नाग हैं यानि आश्लेषा के शासक देवता नाग, सर्प देवता हैं यह कर्क राशि के अंतर्गत आता है.ज्योतिष के मुताबिक जिन लोगों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र (Ashlesha Nakshatra) में होता है वह लोग हर कार्य में सफल होते हैं. साहसी, बुद्धिमान, और मिलनसार होते हैं. जानते हैं इस नक्षत्र में जन्में लोगों की कुछ और विशेषताएं

जिन लोगों का जन्म अश्लेषा नक्षत्र में होता है उन लोगों के लिए शुभ अक्षर यह मानें जाते हैं.  इस नक्षत्र में जन्में लोगों का नाम दी, डू, डे, डो, डे, मे और दा अक्षर से अगर रखा जाए तो शुभ माना जाता हैं. ऐसा माना जाता है कि इन अक्षरों से शुरू होने वाले नाम सफलता, प्रसिद्धि और भाग्य ला सकते हैं.

अश्लेषा नक्षत्र में जन्मे लोगों की विशेषता (Qualities of People Born in Ashlesha Nakshatra)

  • जिन लोगों का जन्म इस खास नक्षत्र में होता है वह लोग धर्म-कर्म के काम में अधिक रुचि लेते हैं.
  • साथ ही अश्लेषा नक्षत्र में जन्में लोगों को आध्यातिमक ज्ञान देते हैं.
  • इन लोगों को कभी भी भौतिक सुख-सुविधाओं की कमी नहीं होती और इन सुख-सुविधाओं की प्राप्ति के लिए यह लोग अपनी जी जान लगा देते हैं.
  • अश्लेषा नक्षत्र में जन्में लोग अपने दोस्तों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं.
  • इस नक्षत्र के लोग अगर कूटनीति, राजनीति, लेखन, पत्रकारिता, या किसी अन्य पेशे को अपना करियर बनाते हैं तो उनके सफल हो सकते हैं. 

अश्लेषा नक्षत्र इतना शक्तिशाली क्यों है?

ज्योतिष शास्त्र में अश्लेषा नक्षत्र नाग (सर्प) देवता से जुड़ा हुआ है, जो विषैले छल की क्षमता और गहन उपचार और आध्यात्मिक जागृति की शक्ति दोनों का प्रतीक है. आश्लेषा नक्षत्र परिवर्तन और छिपे हुए सत्य को उजागर करने का प्रतीक है.

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