Agni Panchak, January 2022 Panchak Dates : मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार चंद्रमा का गोचर जब घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती में होता है तो पंचक लगता है. वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी 'पंचक' की स्थिति बनती है. पंचक को 'भदवा' के नाम से जाना जाता है.


पंचक 2022 (Panchak 2022)
पंचांग के अनुसार पंचक का आरंभ हो चुका है. 5 जनवरी 2022, मंगलवार से पंचक लग चुका है. पौष मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की तिथि से इस बार पंचक आरंभ हुआ है. मान्यता के अनुसार जब मंगलवार से पंचक आरंभ होता है तो इसे 'अग्नि पंचक' कहा जाता है.


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पंचक कब समाप्त होगा
पंचक का समापन 10 जनवरी 2022, सोमवार के दिन समाप्त हो रहा है. पंचक 5 दिन का होता है. इस कारण भी इसे पंचक कहा जाता है. पंचांग के अनुसार 10 जनवरी को प्रात: 8 बजकर 50 मिनट पर समाप्त हो रहा रहा है. इसके बाद शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
 
पंचक का नाम दिन के अनुसार तय होता है
मान्यता के अनुसार पंचक जिस दिन से आरंभ होता है उस दिन के अनुसार ही इसका नाम तय होता है. पंचक जब रविवार से आरंभ होता है तो इसे रोग पंचक, सोमवार से प्रारंभ होने पर राज पंचक, मंगलवार के दिन जब पंचक प्रारंभ होता है तो इसे अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है. पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन जब बुधवार और गुरूवार से पंचक प्रारंभ होता है तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं.


अग्नि पंचक पर क्या नहीं करना चाहिए
मान्यता है कि अग्नि पंचक में मंगल से जुड़ी चीजों का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए तथा अग्नि से बचना चाहिए. क्रोध से दूर रहना चाहिए और वाणी को मधुर बनाना चाहिए.


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