बेंगलुरू के आईटी प्रोफेशनल अतुल सुभाष की आत्महत्या (Atul Subhash Suicide) को लेकर पूरा देश सन्न है. हिंदू धर्म में आत्महत्या करने की पूरी तरह से मनाही है. शास्त्र इसे उचित नहीं मानते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार आत्महत्या आध्यात्मिक रूप से स्वीकार्य नहीं है. गरुण पुराण के अनुसार आत्महत्या करना घोर पाप है. प्रसिद्ध फ्रांसीसी समाजशास्त्री एमिल दुर्खीम जिन्होने आत्महत्या का सिद्धांत दिया था, इनका मानना था कि आत्महत्या एक सामाजिक मुद्दा है. विद्वान ऐसा भी मानते हैं जब व्यक्ति समाज से स्वयं को अलग थलग महसूस करने लगता है तो इस तरह के कदम उठाने के लिए बाध्य हो जाता है.
ज्योतिष में भी आत्महत्या के योग के बारे में जानकारी मिलती है. ज्योतिष की किताब 'जातकतत्वम्' में एक श्लोक मिलता है-
पापन्तरे शुक्र उच्छ्रितपतनाज्जायानाश:।।
यानि शुक्र ग्रह यदि पाप ग्रहों से पीड़ित हो तो कुंडली में आत्महत्या का योग बनता है. विवाह से पहले कुंडली के मिलान में इसका पता अवश्य लगाना चाहिए. सुखद वैवाहिक जीवन के लिए कुंडली का मिलान कराने की परंपरा सैकड़ों वर्ष पुरानी है. आज भी बड़ी संख्या में लोग इसका पालन करते हैं. कुंडली आपके भूत, वर्तमान और भविष्य की भविष्यवाणी करने में सक्षम है.
वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. लेकिन बात आत्महत्या (Suicide) तक भी पहुंच सकती है, इसका पता ग्रहों की गणना से काफी हद तक लगाया जा सकता है. यदि जातक की कुंडली की डिटेल सटीक है तो इस योग का पता लगाकर उसे ऐसा कदम उठाने से रोका भी जा सकता है. ज्योतिष (Astrology) समस्या का समाधान भी बताता है. ज्योतिष का संबंध अध्यात्म से भी है, मानसिक तनाव को दूर करने में अध्यात्म की शक्ति से सभी वाकिफ है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आत्महत्या के लिए उकसाने के पीछे मंगल, सूर्य, राहु और शनि ग्रह की भूमिका अहम होती है.
- मंगल (Mangal)- ये साहस का कारक है, किसी भी कार्य को करने के लिए साहस की आवश्यकता है. कुंडली में मंगल दूषित या पाप व क्रूर ग्रहों से पीड़ित है तो ऐसा व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है.
- सूर्य (Surya)- ज्योतिष में सूर्य को आत्मविश्वास का कारक माना गया है. सू्र्य कमजोर होने से व्यक्ति मन से कमजोर महसूस करने लगता है और ऐसा कार्य करने के लिए बाध्य हो जाता है.
- राहु (Rahu)- ये एक पाप ग्रह है. राहु का एक काम भ्रमित करना भी होता है. राहु जीवन में अप्रत्यशित कार्य कराने के लिए भी जाना जाता है. राहु यदि अशुभ हो तो ऐसा व्यक्ति गलत कदम उठाने से पहले अधिक विचार नहीं करता है.
- शनि (Shani Dev)- ज्योतिष में शनि को एक क्रूर ग्रह बताया गया है. कुंडली में अशुभ शनि व्यक्ति को तनाव देता है, चंद्रमा के साथ मिलकर ये विष योग भी बनता है.
शुक्र दोष दांपत्य जीवन में जहर घोलता हैशुक्र का संबंध काम-वासना, भोग विलास के साथ प्रेम से भी है. शुक्र जब पीड़ित होता है तो पति या पत्नी को आत्महत्या करने के विचार आते हैं. बृहस्पति ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति घरेलू या पारवारिक कारणों से आत्महत्या करता है.
उपायकुंडली में यदि आत्महत्या जैसे अशुभ योग है तो व्यक्ति को भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए. दैनिक जीवन शैली को अनुशासित बनाएं. महामृत्युंजय का जाप भी कर सकते हैं. सफल व्यक्तियों का अनुशरण करना चाहिए. अच्छा संगीत और साहित्य पढ़ना चाहिए योग्य गुरू से अध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना चाहिए. साथ पॉजिटिव रहें और दान-पुण्य के कार्यों में हिस्सा लें. प्रसन्न रहें. ऐसा करने से ये दोष दूर होता है.
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