Astrology: कुंडली का हर एक भाव महत्वपूर्ण है कुंडली को 12 भावों में विभाजित किया गया है. कुंडली के पहले भाव को लग्न कहा जाता है, जो व्यक्ति की पर्सनालिटी के बारे में बताता है, वहीं कुंडली का 12वां भाव हानि- खर्चा, विदेश यात्रा आदि की जानकारी देता है. आज इसी भाव के बारे में कुछ रोचक जानकारी देते हैं.

व्यय का भाव- कई बार व्यक्ति परिश्रम करता है, लेकिन परिश्रम के अनुसार उसे फल नहीं मिलता है, या फिर कई भार ऐसाी भी स्थिति बनती है जिसमें आमदनी कम और खर्चे ज्यादा हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में कुंडली के 12वें भाव को देखना जरुरी हो जाता है, क्योंकि कुंडली का 12वां भाव हमारे खर्चों को भी दर्शाता है. यहां पर जब अशुभ ग्रह की दृष्टि होती है तो व्यक्ति का बैंक बैलेंस अच्छा नहीं होता है. वो किताना भी कमाएं खर्चों के कारण बैंक बैलेंस खराब ही रहता है.

ऐसी स्थिति में 12वें भाव में बैठे ग्रह से जुड़े उपाय करने चाहिए, उदाहरण के तौर पर यदि यहां पर शुक्र ग्रह विराजमान है तो व्यक्ति की लाइफस्टाइल अच्छी होगी , लेकिन धन का व्यय भी अधिक होगा. अगर किसी महिला की कुंडली में शुक्र 12वें भाव में है तो जीवन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी. लग्जरी लाइफस्टाइल रहेगी.

विदेश यात्रा- कुंडली के 12 भाव से विदेश यात्राओं की भी जानकारी मिलती है. यहां पर राहु-केतु दोनों में कोई भी ग्रह मौजूद हो तो विदेश से संबंध होता है या फिर ऐसा व्यक्ति कई बार विदेश की यात्राएं करता है. ऐसे लोगों को अलग-अलग जगाहों पर घूमना फिरना पसंद होता है. अलग अलग स्‍थानों पर भ्रमण करना अच्‍छा लगता है. ऐसे लोग घुमने या फिर बिजनेस के संबंध में यात्राएं करते हैं. ये यात्राएं लाभकारी भी साबित होती हैं.

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