Milk Production:  खेती-किसानी की तरह ही अब पशुपालन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बनकर उभर रहा है. दूध की बढ़ती मांग के बीच गांव में लोग पशुपालन को अपनी आजीविका का हिस्सा बना रहे हैं. गाय-भैंस पालने से खेती के लिए जैविक खाद का इंतजाम भी हो जाता है. ये बचत और आमदमी का अच्छा साधन है. पशु विशेषज्ञों की मानें तो इस बिजनेस से मुनाफा कमाने के लिए पशुपालकों को पशुओं की सेहत पर खास फोकस करना चाहिए. अच्छी नस्ल के पशुओं को बेड़े में शामिल करना चाहिए. ये हर हालात में खुद को ढ़ाल लेते है. हालांकि गर्मियां हर नस्ल के पशु के लिए परेशानियों से भरी होती है.


धूप की तपिश और लू लगने से पशुओं में तनाव बढ़ जाता है और सुस्ती आ जाती है. इसका सीधा असर दूध की मात्रा पर पड़ता है. दूध की मात्रा में गिरावट आ जाती है और पशुपालकों को नुकसान होने लगता है. इस परेशानियों को दूर करने के लिए पशुपालकों को पशुओं के खान-पान का ख्याल रखना होगा. दूध मात्रा बढ़ने में कुछ घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं.


क्यों कम हो जाता है पशुओं में दूध


गर्मी और धूप की तेज तपिश से पशुओं में तनाव बढ़ जाता है. पशु धीरे-धीरे सुस्त हो जाती है और लू लगने से शरीर का भी तापमान बढ़ जाता है. यदि समय पर उपाय ना किए जाएं तो पशु में थकावट, चक्कर, बेहोशी, त्वचा बेजान होने जैसी दिक्कतें हो जाती है.


इन बातों का रखें खास ध्यान


गर्मी से पशुओं को बचाने के लिए सुबह या शाम के समय पशुओं को तालाब में नहलाने ले जाएं.



  • पशुओं को दिन 4 से 5 बार साफ और ठंडा पानी पिलवाएं.

  • ज्यादा तापमान बढ़ने पर एक बाल्टी पानी में 250 ग्राम चीनी और 20-30 ग्राम नमक का घोल बनाकर पशु को पिलाएं.

  • सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक पशु को छायादार स्थान पर बिठाएं. इस दौरान चारागाह में ना छोड़ें.

  • हरा चारा नहीं है तो सूखे चारे के साथ कुछ मात्रा में सप्लीमेंट्स खिला सकते हैं.

  • 10 किलो सूखे चारे में 4 किलो मक्का का दिया, 3 किलो खल, 2.5 किलो चोकर, 500 ग्राम गुड़ मिलाकर फीड बनाएं और रोजाना 50 ग्राम खनिज मिश्रण खिलाएं.

  • पशुओं को समय पर टीका लगवाएं और पशु बाड़े में ठंडक बनाने के उपाय करें.


इन उपायों से पशुओं में बढ़ेगा दूध


गर्मी के मौसम में पशुओं में दूध की मात्रा कम हो जाती है. ऐसे में पशुओं को लोबिया घास खिलाएं. लोबिया घास में फाइबर, प्रोटीन और औषधीय गुण होते हैं, जो पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाते हैं.


दूध बढ़ाने और पशुओं की अच्छी हेल्थ के लिए अजोला घास भी खिला सकते हैं. ये घास पानी में उगाई जाती है. पोषण से भरपूर ये ग्रीन फीड पशुओं  के लिए संजीवनी समान है.


रोजाना 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल और 250 ग्राम गेहूं का आटा लें. इसका मिश्रण बनाकर रख लें. शाम को जब पशु चारा पानी खा लें तो ये मिश्रण 7-8 दिन तक लगातार पशु को खिलाएं.


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