Gurukul for Natural Farming: देश में पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भी आगे है. राज्य सरकार ने मौजूदा रबी सीजन में एक लाख हेक्टेयर जमीन पर गौ आधारित खेती करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गुरुकुल में किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखाये जायेंगे. इसके लिए वैज्ञानिक और कई प्रगतिशील किसान भी उन्नत तरीकों की जानकारी और किसानों का मार्गदर्शन करने के लिए गुरुकुल की तरफ रुख करेंगे. इस निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के लिए यूपी सरकार अगले साल तक ​प्राकृतिक खेती के लिए ब्लॉक स्तर पर क्लस्टर विकसित करेगी.


गुरुकुल में मिलेगी ट्रेनिंग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब किसानों को गौ आधारित करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. इसके लिये राज्य में प्राकृतिक खेती बोर्ड का गठन भी किया गया है. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुये अब किसानों को गुरुकुलों के माध्यम से ट्रेनिंग देने का भी लक्ष्य निर्धारित किया है. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये सीएम योगी ने कहा कि कम लागत में अधिक पैदावार हासिल करना कृषि क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन प्राकृतिक खेती से कम लागत में अधिक और केमिकल मुक्त उत्पादन लिया जा सकता है. इसे प्रोत्साहित करने के लिए अब वैज्ञानिक भी अभियान से जुडेंगे, जिससे उत्पादन को कई गुना बढ़ाने और दोगुना आमदनी लेने में खास मदद मिलेगी. 


1 लाख हेक्टेयर में होगी प्राकृतिक खेती
उत्तर प्रदेश में गौ आधारित प्राकृतिक खेती के लिए  मौजूदा रबी सीजन में करीब एक लाख हेक्टेयर का रकबा कवर करने का लक्ष्य है. प्राकृतिक खेती को और बेहतर ढंग से समझने के लिए पिछले ही दिनों यूपी के कृषि मंत्री, खेती-बाड़ी से जुड़े अन्य विभागों के मंत्रियों, संबंधित विभाग के शीर्ष अधिकारियों और कुछ प्रगतिशील किसानों ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र हरियाणा का भी दौरा किया. अब राज्य में मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग के तहत किसानों को जोड़ा जा रहा है.


क्या हैं तैयारियां
यूपी के 23 जिलों के 39 ब्लाकों में 23, 510 हेक्टेयर में 470 क्लस्टर बनाकर गौ आधारित खेती करने के लिए प्रेरित किया जायेगा. इस मामले में यूपी के 4 कृषि विश्वविद्यालयों को भी प्राकृतिक खेती का सर्टिफिकेशन जारी करने के लिए लैब बनाने के आदेश मिले है. ये कृषि विश्वविद्यालय 89 कृषि विज्ञान केंद्रों से साथ मिलकर सर्टिफिकेशन और नेचुरल फार्म के उत्पादों की मार्केटिंग में भी मदद करेंगे. इसके लिए हर मंडी में प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बिक्री के लिए अलग से आउटलेट की सुविधा दी जाएगी.


बुंदेलखंड में नेचुरल फार्मिंग के लिए अनुदान
यूपी सरकार ने बुंदेलखंड  की जमीन पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी एक योजना तैयार की है. इसके लिए बुंदेलखंड में 7 जिलों के 47 ब्लॉक में करीब 12,000 हेक्टेयर में खेती के लिए  235 क्लस्टर बनाये जायेंगे. साथ ही प्राकृतिक खेती के लिए बजट के प्रावधान के तहत अनुदान की भी व्यवस्था की गई है. 


गंगा किनारे प्राकृतिक खेती
जाहिर है कि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती और जैविक खेती के लिहाज के काफी संसाधन मौजूद है. राज्य में खाद और गौमूत्र की उपलब्धता के लिए गाय पालन और पशुपालन किया जाता है. साथ ही कई नदियों के किनारे खाली मैदानी इलाका भी मौजूद हैं, जो जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के लिए सबसे उपजाऊ और उपयुक्त माना जाता है. इस जमीन पर केमिकल मुक्त खेती करने से नदियों को भी प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी. यही कारण है कि अब सरकार भी गंगा नदी किनारे खाली पड़ी उपजाऊ जमीन पर भी प्राकृतिक खेती, नर्सरी और बागवानी के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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