Vaccine for Avian Influenza H5N1 aka Bird Flue: कोविड-19 वायरस की स्वदेशी वैक्सीन (Covid-19 Vaccination)  की सफलता के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने अब वर्ड फ्लू (Bird Flue  Disease)जैसी खततरनाक बीमारी की पहली स्वदेशी वैक्सीन ( First Indigenous Vaccine of Bird Flue) का आविष्कार कर लिया है. राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल (निशाद) के वैज्ञानिकों ने तीन साल के कठिन परिश्रम के बाद ये सफलता हासिल की है.


अब जल्द मुर्गियों और दूसरे पक्षियों को बर्ड फ्लू यानी एवियन एंफ्लुएंजा (एच 9-एन 2) वायरस (Bird Flue Avian Influenza H9N2)  से निजात दिलाने के लिये तीन-तीन डोज लगाई जायेंगी. इस प्रकार पोल्ट्री फार्मिंग में नुकसान झेल रहे किसानों को काफी राहत मिलेगी.


स्वदेशी वैक्सीन की खासियत
राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल (निशाद) (ICAR-National Institute of High Security Animal Diseases) के वैज्ञानिकों की मानें तो वर्ड फ्लू के खिलाफ सुरक्षा कवच के रूप में काम करने वाली ये वैक्सीन मृत वायरस से तैयार की गई है, जिसकी प्रति पक्षी को तीन डोज लगाई जायेगी. इस वैक्सीन की एक ही डोज का असर अगले 6 महीने तक बना रहेगा. इतना ही नहीं, वैक्सीन लगने के बाद मुर्गियों एक दम स्वस्थ रहेंगी, जिससे बिना किसी समस्या के इनके अंडों को खा सकते हैं और बाजार में बेच भी सकते हैं.  


जल्द बाजार में पहुंचेगी वैक्सीन 
वर्ड फ्लू की इस वैक्सीन को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल (निशाद) के स्थापना दिवस कार्यक्रम में लॉन्च किया गया है. इस कार्यक्रम में वैक्सीन के बारे में जानकारी देते हुये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा. बीएन त्रिपाठी ने बताया कि अब जल्द इस वैक्सीन की तकनीक को वैक्सीन निर्माता कंपनियों को सौंपी जायेगा, जिससे जल्द से जल्द वैक्सीन का व्यासायिक उत्पादन हो सके और देश में इसके खतरे को टाला जा सके.


एच9-एन2 में भी करागर है वैक्सीन
वैक्सीन लॉन्च कार्यक्रम में राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल (निशाद) के महानिदेशक डा. वीपी सिंह ने बताया कि ये वैक्सीन बर्ड फ्लू जैसा ही एच9-एन2 वायरस को रोकने में भी काफी असरकारी साबित हो सकती है. बता दें कि एच9-एन2 भी एक खतरनाक वायरस है, जिससे रोगग्रस्त मुर्गियां अंडा देना कम कर देती हैं. इस वायरस से मुर्गियों की जान तो नहीं जाती, लेकिन उसकी उत्पादकता काफी प्रभावित होती है. वहीं बर्ड फ्लू के लिये जारी हुई इस वैक्सीन की मदद से एच9-एन2 जैसे कई संक्रमणों से मुर्गियों और मुर्गी पालकों को भी काफी फायदा होगा.


तैयार है लंपी वायरस की वैक्सीन 
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा. बीएन त्रिपाठी ने बताया कि जल्द लंपी वायरस की स्वदेशी वैक्सीन (Lumpy Virus Vaccine) भी पशुओं और पशुपालकों की परेशानियों का कम करेगी. यह वैक्सीन राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र हिसार और नेशनल वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनवीआरआइ) बरेली के संयुक्त प्रयासों से तैयार हुई है, जिसे जीवित वायरस की मदद से सिर्फ सालभर में ही तैयार कर लिया गया है. 


फिलहाल इस वैक्सीन का मैदानी परीक्षण चल रहा है, जिसके सफल होते ही लंपी वायरस से रोगग्रस्त पशुओं को इसकी डोज लगाई जायेंगी. बता दें कि अभी तक लंपी वायरस डिजीज (Lumpy Virus Disease) ने 23 राज्यों में पांव पसारे लिये हैं, जिसके कारण पशुओं और पशुपालकों के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है. इस बीमारी के कारण 10 फीसदी मवेशियों की जान को भी खतरा बना हुआ है.


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