आपने अब तक मुर्गी, बकरी या गाय-भैंस की खेती के बारे में तो सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चीन में अब बड़े पैमाने पर चूहों की भी खेती की जा रही है? यह सुनकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लगेगा, लेकिन चीन में खास तरह के चूहों को पाला जा रहा है, जिनका इस्तेमाल मीट के लिए किया जाता है.
यह कोई आम चूहे नहीं होते, बल्कि इन्हें ‘बांस के चूहे’ यानी Bamboo Rats कहा जाता है. ये चूहे सामान्य चूहों से आकार में बड़े होते हैं और इनका वजन 2 से 3 किलो तक पहुंच सकता है. चीन के ग्रामीण इलाकों में ये चूहे अब रोजगार और कमाई का नया साधन बनते जा रहे हैं.
क्यों हो रही है बांस के चूहों की खेती?
चीन के कुछ हिस्सों में मांसाहार की मांग बहुत अधिक है. मुर्गी, सूअर या मछली की खेती में काफी खर्च और जगह लगती है. ऐसे में बांस के चूहे एक आसान और सस्ता विकल्प बनकर उभरे हैं. इन चूहों को पालना बेहद आसान है, ये कम खाते हैं और तेजी से बढ़ते हैं.
इन चूहों का मांस वहां की स्थानीय रेसिपीज में बहुत पसंद किया जाता है. कुछ लोगों का मानना है कि इसका मांस सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है. कुछ इलाकों में तो इसे “हेल्दी ग्रीन मीट” भी कहा जाता है.
कैसे होती है चूहों की खेती?
बांस के चूहे मिट्टी में बिल बनाकर रहने वाले जानवर होते हैं. इन्हें पालने के लिए छोटे-छोटे पिंजरे बनाए जाते हैं. इन्हें खाने के लिए बांस, शकरकंद, मक्का और गन्ने के टुकड़े दिए जाते हैं. इन चूहों की देखभाल करना बहुत आसान है और इन पर खर्च भी कम आता है. एक चूहा 4 से 5 बच्चों को जन्म देता है और साल में तीन बार यह प्रक्रिया दोहराई जा सकती है. इस तरह बहुत तेजी से इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है. यही कारण है कि किसान इसे तेजी से कमाई का जरिया मान रहे हैं.
कितना होता है मुनाफा?
एक चूहे का बाजार मूल्य लगभग 6000 तक हो सकता है. यदि कोई किसान 100 से ज्यादा चूहे पालता है, तो वह साल भर में 10 से 15 लाख तक की कमाई कर सकता है. कई युवा भी अब इस नई खेती में हाथ आजमा रहे हैं और स्थानीय बाजारों से लेकर बड़े होटलों तक इन्हें सप्लाई कर रहे हैं. यह भी पढ़ें- पीएम किसान निधि की 20वीं किस्त का इंतजार खत्म होने वाला है? जानें जरूरी बातें