राजस्थान में खेती करना है बहुत मुश्किल काम होता है. खेती के लिए पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है. और राजस्थान में अपनी बेहद सीमित मात्रा में होता है ऐसे में किसानों को खेती के लिए बड़ी मशक्कत उठानी पड़ती है. लेकिन अब खेती में नए-नए बदलाव निकलकर सामने आए हैं. खेती के तरीका बदल गए हैं. उनमें इस्तेमाल होने वाली चीजों में बदलाव हुआ है. इसीलिए अब राजस्थान में खेती करना मुश्किल काम नहीं रहा है. राजस्थान के दो युवाओं ने मिलकर बायो पॉलीमर की नई तकनीक से खेती के क्षेत्र में क्रांति ला दी है. दोनों युवाओं को उनके नए इनोवेशन के लिए फोर्ब्स ने भी सम्मानित किया है. 


बायोपॉलीमर तकनीक से खेती में हुआ लाभ 


जयपुर के रहने वाले दो युवा उद्यमियों अंकित जैन और नारायण लाल गुर्जर ने राजस्थान की किसानों के लिए एडवांस बायो पॉलीमर तकनीक विकसित की है.  राजस्थान में पानी की कमी और सुबह के चलते मिट्टी खराब हो जाती थी.  लेकिन बायो पॉलीमर की इस नई तकनीक से किसानों को अब अच्छी उपज मिल रही है. 


बता दें बायो-पॉलिमर वे पॉलिमर होते हैं जो प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त किए जाते हैं। बायोपॉलिमर से बने हाइड्रोजेल  मिट्टी का नुकसान नहीं पहुंचते हैं. यह मिट्टी के अनुकूल होते हैं और सस्ते होते हैं. इसलिए, बायो-पॉलिमेरिक हाइड्रोजेल को दुनियाभर में बड़े पैमाने पर बनाया और इस्तेमाल किया जा रहा है. 


फोर्ब्स की 30 अंडर 30 एशिया लिस्ट में शामिल


बायो पॉलीमर की मदद से खेती में किसानों को लाभ देने वाले राजस्थान के दो युवाओं की कंपनी पीएफ पॉलीमर ने महज कुछ ही समय में काफी तरक्की की है. उनकी मेहनत का सबूत यह है कि विश्व भर में प्रतिष्ठित पत्रिका कहीं जाने वाली फोर्ब्स ने उन्हें '30 अंडर 30 एशिया' सूची में शामिल किया है. बता दें इस सूची में उन युवाओं को जगह मिलती है. जो उद्योग में पॉजिटिव चेंज लाकर  सोसाइटी को और लोगों को एक नई दिशा में ले जाते हैं.  


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