PM Kisan Scheme: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों के खाते में 12 वीं किस्त पहुंच चुकी है. किसान 13 वीं किस्त आने का इंतजार कर रहे हैं. दिसंबर में 13 वीं किस्त आने की उम्मीद है. केंद्र सरकार यह तय करने की हर संभव कोशिश कर रही है कि किसी अपात्र के खाते में किस्त बिल्कुल न जाए. ऐसे ही किसानों के खिलाफ स्टेट गवर्नमेंट के स्तर से कार्रवाई शुरू हो गई है. अब किसानों से सरकार से मिली रकम की रिकवरी की जा रही है. उत्तर प्रदेश गवर्नमंट ने फर्जी किसानों के खिलाफ ऐसी ही बड़ी कार्रवाई की है. 


उत्तर प्रदेश सरकार ने की 26 करोड़ की रिकवरी
उत्तर प्रदेश में काफी संख्या में किसान पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ लेते हैं. इसलिए यहां ऐेसे किसानों की संख्या भी खासी अधिक है, जोकि फर्जी किसान बनकर योजना का लाभ ले रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्टेट गवर्नमेंट के सीनियर अधिकारियों की जांच में 7 लाख किसान फर्जी पाए गए हैं. इनसे 26 करोड़ रुपये की वसूली भी कर ली गई है. अभी और किसानों के डॉक्यूमेंट की जांच जारी है. स्टेट गवर्नमेंट ने साफ कर दिया है कि इन किसानों के खाते में अगली किस्त नहीं जाएगी. 


भूलेख सर्वे में खुल रही पोल
केंद्र सरकार के निर्देश पर स्टेट गवर्नमेंट ने उन किसानों की पड़ताल शुरू कर दी है, जोकि फर्जी बनकर सरकार की स्कीम का लाभ ले रहे थे. स्टेट गवर्नमेंट की जांच में सामने आया है कि यूनीक नंबर धारक किसानों की संख्या वेरिफिकेशन से पहले प्रदेश में 2,17,98,596 थी. वेरिफिकेशन के बाद यह 2,10,87,849 का डाटा ही सही मिला है. इन्हें रिकॉर्ड मेें शामिल कर लिया गया है. शेष 7,10,747 किसानों को अपात्र मान लिया गया है. 


ऐसे हो रहा था फर्जीवाड़ा
जांच में कई अहम फैक्ट सामने आए. मसलन, कई अपात्र ऐसे भी थे, जोकि पति और पत्नी दोनों ही निधि का लाभ ले रहे थे. सरकारी कर्मियों तक ने योजना का लाभ ले लिया. कई लोग ऐसे थे, जोकि आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे थे. उन्होंने भी सरकार से सालाना 6 हजार रुपये ले लिए. लगभग एक लाख किसान ऐसे सामने आए. जिनकी मौत हो चुकी थी. पैसा बराबर उनके खाते में जा रहा था. इसके अलावा और ऐसे ही किसानों की तलाश में स्टेट गवर्नमेंट जुटी हुई है. जल्द ही सभी से वसूली की कार्रवाई की जाएगी. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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