Paddy Management: देश के अलग अलग हिस्सों में धान खरीद चल रही है. मंडियों में किसानों का धान MSP पर बिक रहा है. वहीं कुछ स्टेट ऐसे भी हैं, जहां धान खरीद की कार्रवाई पूरी हो चुकी है. MSP पर खरीदा गया धान राइस मिलों में स्टॉक कर दिया गया है. राइस मिलों मेें धान के स्टॉक करने में किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो. इसको लेकर हरियाणा गवर्नमेंट ने कदम उठाए हैं. प्रदेश सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि स्टॉक करने में किसी तरह की गड़बड़ी की गई तो राइस मिल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 


दिसंबर में धानों का होगा फिजिकली वेरिफिकेशन
हरियाणा में करीब एक सप्ताह पहले धान खरीद बंद हो गई हैं. चालू सीजन के लिए धान खरीद का 57 लाख टन का टारगेट सेट किया गया था. स्टेट गवर्नमेंट किसानों से 58.60 लाख टन धान खरीद चुकी है. लक्ष्य से अधिक धान खरीद करने के बाद मंडियों में धान खरीद बंद कर दी गई है. पूरे धान को राइस मिलों में स्टॉक करा दिया गया है. अब दिसंबर में राइस मिलों में स्टाक का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा. इसमें भंडारण की स्थिति देखी जाएगी. कहीं अधिक खरीदकर कागजों में कम खरीद तो नहीं दर्शा दी गई है. इसके अलावा राइस मिल में भंडारण में तो किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो रही है. यह भी जांचा जाएगा. 


स्टेट में मिलों की संख्या है 1456
हरियाणा में 1456 राइस मिलर्स धान की मिलिंग के लिए पंजीकृत हैं. सभी मिलों में भंडारण की स्थिति पर राज्य सरकार निगाह बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि धान भंडारण में किसी तरह की परेशानी न हो. धान खराब न हो. इसका भी ख्याल रखा जाए. 


98 प्रतिशत किसानों के खातों में 48 घंटे में पहुंचा पैसा
हरियाणा गवर्नमेंट ने दावा किया था कि धान खरीद में 98 प्रतिशत किसानों की पेमेंट 48 घंटों में उनके बैंक खाते में पहुंच चुकी है. धान का जल्दी पेमेंट मिलने से किसान खुश हैं. उन्होंने सरकार की वाहवाही की है. वहीं, मंडियों धान लिफ्टिंग कर राइस मिलों में पहुंचाया जा चुका है. स्टेट गवर्नमेंट का कहना है कि पंचायत चुनाव खत्म होते ही किसानों को खराब फसल का मुआवजा दिया जाएगा. जिलों से इसकी रिपोर्ट मंगा ली गई है. वेरिफिकेशन के बाद कंपनसेशन सीधा किसानों के बैंक खाते में कर दिया जाएगा. किसानों ने पोर्टल पर जो फसल नुकसान का पंजीकरण कराया है. उसी के आधार पर वेरिफिकेशन कर धनराशि खातों में भेजी जाएगी. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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